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अमेरिका ने लगाए हैं घूसखोरी और धोखाधड़ी के आरोप, अब जवाब सीधे गौतम अडानी ने दिया है

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Gautam Adani on US indictment: गौतम अडानी का कहना है कि अडानी पक्ष के किसी भी व्यक्ति पर फ़ॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के उल्लंघन या न्याय में रुकावट डालने की किसी भी साज़िश का आरोप नहीं लगाया गया है!

भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) की अपनी कंपनी के ख़िलाफ़ लग रहे आरोपों पर प्रतिक्रिया आई है. अमेरिका के न्याय विभाग (US indictment) की तरफ से लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि हर हमला उन्हें मजबूत बनाता है. उनका कहना है कि ये पहली बार नहीं है, जब उन्हें इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. गौतम अडानी के मुताबिक़, अडानी पक्ष के किसी भी व्यक्ति पर फ़ॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के उल्लंघन या न्याय में रुकावट डालने की किसी भी साज़िश का आरोप नहीं लगाया गया है.

30 नवंबर को गौतम अडानी 51वें ‘जेम एंड जूलरी अवॉर्ड्स’ के कार्यक्रम के लिए जयपुर पहुंचे हुए थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा,!

जैसा कि आप में से अधिकांश ने 2 सप्ताह से भी कम समय पहले पढ़ा होगा. हमें अडानी ग्रीन एनर्जी में नियम मानने से जुड़ी प्रकिया (compliance practises) के बारे में अमेरिका से आरोपों का सामना करना पड़ा. मैं आपको यही बता सकता हूं कि हर हमला हमें मजबूत बनाता है और हर बाधा एक सीढ़ी बन जाती है!

आज की दुनिया में, नकारात्मकता तथ्यों से ज़्यादा तेज़ी से फैलती है. हम कानूनी प्रक्रिया से काम करते हैं. मैं वर्ल्ड-क्लास रेगुलेटरी अनुपालन के लिए अपने कमिटमेंट को दोहरा रहा हूं. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे scrutiny (जांच-पड़ताल) भी बढ़ती है. लेकिन असली सफलता यही है कि आप उस scrutiny में भी मजबूती से खड़े रहें!

Gautam Adani के ख़िलाफ़ आरोप

इससे पहले, अमेरिका के न्यूयॉर्क के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने गौतम अडानी, . इन सभी पर भारत में एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 2100 करोड़ रुपये घूस देने का आरोप लगा. कथित रूप से इसके लिए पैसे अमेरिकी निवेशकों से जुटाए गए.

अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) ने  कंपनी ने कहा कि रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़ी खबरें निराधार और ग़लत हैं. कहा गया कि गौतम अडानी, सागर अडानी या विनीत जैन पर नहीं, बल्कि अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग में केवल Azure और CDPQ अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है.भारत सरकार ने कहा, ‘हमें जानकारी नहीं दी गई…’

इसे लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार को गौतम अडानी या दूसरे लोगों पर लगे आरोपों के बारे में  केंद्र सरकार को अमेरिका की तरफ से कोई समन या अरेस्ट वारंट का अनुरोध भी नहीं मिला. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मामले को निजी कंपनियों, निजी व्यक्तियों और अमेरिकी न्याय विभाग के बीच का कानूनी मामला बताया.

जायसवाल ने कहा कि ऐसे मामलों में कुछ तय प्रक्रिया और कानूनी तरीके हैं…भारत सरकार को लगता है कि उसका पालन किया जाएगा. अडानी के ख़िलाफ़ आरोपों ने भारत के राजनीतिक हलकों में भी ख़ूब चर्चा पाई. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने अडानी ग्रुप के ख़िलाफ़ जांच की मांग की.


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Janmat News

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