शशि थरूर, अनुराग ठाकुर को मिली संसद की इन स्थायी समितियों की जिम्मेदारी, जानिए राहुल-कंगना किस कमिटी में
नई दिल्ली : संसद के अलग-अलग मंत्रालयों से जुड़ी 24 स्थाई समितियों का गठन हो गया है। इन स्थायी समितियों के अध्यक्षों के नामों का ऐलान गुरुवार को कर दिया गया। बीजेपी नेता भर्तृहरि महताब वित्त मामलों की समिति के अध्यक्ष होंगे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर विदेश मामलों और बीजेपी के राधा मोहन दास अग्रवाल गृह मामलों की समिति की अगुवाई करेंगे। रक्षा मामलों की समिति के अध्यक्ष बीजेपी के राधा मोहन सिंह होंगे। राहुल गांधी को रक्षा मंत्रालय से जुड़ी समिति का सदस्य बनाया गया है।
शिक्षा समिति कमान दिग्विजय सिंह के हाथ
शिवसेना नेता श्रीरंग अप्पा बर्ने ऊर्जा और एनसीपी नेता सुनील तटकरे पेट्रोलियम समिति के अध्यक्ष चुने गए हैं। पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर कोयला, खान और इस्पात मामलों की समिति के अध्यक्ष होंगे। शिक्षा समिति की कमान कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के हाथों में होगी। चरणजीत सिंह चन्नी को कृषि मंत्रालय की स्थाई समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कानून और कार्मिक मंत्रालय की समिति के अध्यक्ष बृजलाल होंगे।
24 स्थायी समितियों का ऐलान
संसद की स्थायी समितियों में अलग-अलग दलों के सांसद होते हैं। ये समितियां अलग-अलग विधेयकों और मुद्दों पर विचार करती हैं और सदन को अपनी सिफारिशें देती हैं। संसद की स्थायी समिति सांसदों का एक पैनल है जो विधेयकों और मुद्दों पर विचार करता है। फिर सदन को उस विचार के लिए उपायों की सिफारिश करता है। स्थायी समितियां संसद के एक अधिनियम या कार्य संचालन के नियमों और प्रावधानों के अनुसार स्थापित की जाती हैं।
राहुल गांधी रक्षा समिति के सदस्य
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को संचार और आईटी मंत्रालय की समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। टीएमसी और डीएमके को दो-दो समितियों की अध्यक्षता मिली है, जबकि जेडीयू और सपा को एक-एक समिति की कमान सौंपी गई है। राहुल गांधी जिस रक्षा मंत्रालय की समिति के सदस्य बने हैं, उसके अध्यक्ष बीजेपी सांसद राधा मोहन सिंह होंगे।
राम गोपाल यादव स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष
राजीव प्रताप रूडी को जल संसाधन मंत्रालय की समिति का नेतृत्व सौंपा गया है। रामगोपाल यादव को स्वास्थ्य समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। यूसुफ पठान वाणिज्य मंत्रालय और हरभजन सिंह शिक्षा मंत्रालय की समिति के सदस्य बनाए गए हैं। अरुण गोविल विदेश मामलों की समिति के सदस्य बनाए गए हैं। कुल 24 संसदीय समितियों का गठन किया गया है।