UPSC ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री भर्ती के लिए 45 पोस्ट पर वैकेंसी निकाली थी। इसे अब रद्द कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन को नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा। PM मोदी के कहने पर यह फैसला बदला गया है।
इस वैकेंसी का राहुल गांधी ने भी विरोध किया था। राहुल ने कहा था- लेटरल एंट्री के जरिए खुलेआम SC-ST और OBC वर्ग का हक छीना जा रहा है। मोदी सरकार RSS वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है।
क्या है लेटरल एंट्री?
लेटरल एंट्री को सीधी भर्ती भी कहा जता है। इसमें उन लोगों को सरकारी सेवा में लिया जाता है, जो अपनी फील्ड में काफी माहिर होते हैं। ये IAS-PCS या कोई सरकारी कैडर से नहीं होते हैं। इन लोगों के अनुभव के आधार पर सरकार अपने नौकरशाही में इन्हें तैनात करती है।
बीजेपी ने किया पलटवार
राहुल गांधी की टिप्पणी पर भाजपा सासंद सुधांशु त्रिवेदी ने पलटवार किया है। भाजपा सांसद ने कहा, “राहुल गांधी और उनके खानदान की आरक्षण और SC-ST, OBC को लेकर जो खानदानी विरासत है वो किसी से छिपी हुई नहीं है और उनकी अज्ञानता भी किसी से छिपी नहीं है।
सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा,”मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि हमारे(भाजपा) कैबिनेट के जो सचिव बने हैं वो किस बैच के हैं? उन्हें न पता हो तो हम बताते हैं कि वे 1987 बैच के हैं। जब उनकी(राहुल गांधी) पार्टी और उनके पिता जी की सरकार थी। उन्होंने क्यों OBC को आरक्षण नहीं दिया था?”