भारत में प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए आज भी ज्यादातर महिलाएं घरेलू नुस्खों का सहारा लेती हैं. ये नुस्खे पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे हैं, जिनमें चीनी, साबुन, यहां तक कि सिरका जैसे रसोई घर की चीजों का इस्तेमाल किया जाता है.
प्रेग्नेंसी टेस्ट के लिए आजकल कई तरह के घरेलू टेस्ट प्रचलित हैं, जिनमें साबुन, चीनी, टूथपेस्ट से लेकर सिरका तक शामिल हैं. ये नुस्खे पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहे हैं, लेकिन क्या ये सचमुच कारगर हैं? आइए जानते हैं विज्ञान क्या कहता है.
इन घरेलू नुस्खों के पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. प्रेग्नेंसी का पता लगाने का सबसे विश्वसनीय तरीका एक हॉर्मोन की उपस्थिति का पता लगाना है, जिसे ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) कहा जाता है. यह हार्मोन निषेचित अंडे के ट्रांसप्लांट के बाद महिला के शरीर में बनना शुरू होता है. प्रेग्नेंसी टेस्ट किट इसी हार्मोन का पता लगाकर प्रेग्नेंसी की पुष्टि करती हैं.
घरेलू नुस्खों के नुकसान
घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री, जैसे साबुन, चीनी या सिरका का एचसीजी हार्मोन से कोई लेना-देना नहीं होता. इसलिए, ये टेस्ट कभी भी सटीक परिणाम नहीं दे सकते हैं. इन घरेलू नुस्खों के गलत परिणाम भ्रामक हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर किसी महिला को गर्भवती होने का संदेह है और घरेलू टेस्ट नेगेटिव आता है, तो वह डॉक्टर से परामर्श न करने का फैसला कर सकती हैं. इससे देरी से पता चलने वाली प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. वहीं, झूठा पॉजिटिव परिणाम भी तनाव और चिंता का कारण बन सकता है.
क्या है डॉक्टर की राय?
डॉक्टरों का कहना है कि प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए सबसे सही तरीका है मान्यता प्राप्त प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का उपयोग करना. ये किट आसानी से उपलब्ध हैं और इस्तेमाल करने में भी सरल हैं. अगर आप गर्भवती होने की संभावना पर विचार कर रही हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करें. वे आपको उचित मार्गदर्शन दे सकते हैं और जरूरत पड़ने पर प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं.
आंख मूंदकर न करें भरोसा
इसलिए, दादी-नानी के नुस्खों पर आंख मूंदकर भरोसा करने से बचें. गर्भावस्था की सही जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लें और विश्वसनीय गर्भावस्था टेस्ट किट का इस्तेमाल करें.