सीएम विजयन ने कहा कि मौसम विभाग (आईएमडी) ने भूस्खलन से पहले बारिश को लेकर जिले में ऑरेंज अलर्ट ही जारी किया था. हालांकि, जिले में 500 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो गई जो मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमानित बारिश से बहुत अधिक थी.!
केरल के वायनाड में आए विनाशकारी भूस्खलन में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. ढेरों घर तबाह हो चुके हैं. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है. लेकिन इस प्राकृतिक आपदा पर जमकर राजनीति भी शुरू हो गई है. केंद्र और राज्य के बीच इस आपदा को लेकर तनातनी की स्थिति बनती दिख रही है!
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में जोर देकर कहा कि प्राकृतिक आपदा को लेकर राज्य सरकार को अलर्ट किया गया था. केरल में भूस्खलन की घटना से एक हफ्ते पहले ही राज्य सरकार को अलर्ट कर दिया गया था और 23 जुलाई को ही एनडीआरएफ की 9 टीमों को भी रवाना कर दिया गया, हालांकि अगर राज्य सरकार इन टीमों को देखकर भी अलर्ट हो गई होती तो काफी हद तक नुकसान बच सकता था!
बारिश से पहले ऑरेंज अलर्ट जारी कियाः CM
अब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को गृह मंत्री शाह के उस दावे को खारिज कर दिया कि राज्य सरकार को भारी बारिश के कारण वायनाड में संभावित प्राकृतिक आपदा के बारे में पिछले हफ्ते 23 जुलाई को ही अलर्ट कर दिया गया था. सीएम विजयन ने कहा कि मौसम विभाग (आईएमडी) ने भूस्खलन से पहले बारिश को लेकर जिले में ऑरेंज अलर्ट ही जारी किया था. हालांकि, जिले में 500 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो गई जो मौसम विभाग द्वारा पूर्वानुमानित बारिश से बहुत अधिक थी!
विजयन ने राजधानी तिरुवनंतपुरम में आयोजित पीसी में कहा, “वायनाड में मंगलवार सुबह भूस्खलन के बाद ही जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था.” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह समय “दोष-प्रत्यारोप” का नहीं है और वह गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणियों को प्रतिकूल रूप से नहीं ले रहे हैं!
पिछले हफ्ते भेज दी गईं NDRF की टीमेंः अमित शाह
बारिश के रेड अलर्ट का मतलब है कि 24 घंटे में 20 सेमी से अधिक भारी से अत्यधिक भारी बारिश, जबकि ऑरेंज अलर्ट का अर्थ होता है बहुत भारी बारिश (6 सेमी से 20 सेमी).
इससे पहले, अमित शाह ने आज ही राज्यसभा में यह दावा किया था कि केरल सरकार ने केंद्र की ओर से दी गई पूर्व चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया और राज्य में एनडीआरएफ बटालियनों के आने पर भी सतर्क नहीं हुई. उन्होंने कहा कि 30 जुलाई (मंगलवार) को भूस्खलन से करीब 7 दिन पहले राज्य को प्राकृतिक आपदा को लेकर चेतावनी जारी की गई थी. फिर 24 जुलाई को भी एक और चेतावनी जारी की गई!
गृह मंत्री ने दावा किया कि अगर एनडीआरएफ की टीमों तो अपने यहां पहुंचता देखकर केरल सरकार अलर्ट हो गई होती और जरूरी कार्रवाई की गई होती, तो नुकसान को कम किया जा सकता था. हालांकि अमित शाह ने राज्यसभा के बाद लोकसभा में भूस्खलन पर बोलते हुए कहा कि यह समय वायनाड के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने का है, मोदी सरकार इसको लेकर प्रतिबद्ध है. क्षेत्र में राहत, बचाव और पुनर्वास के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे.