घोष के अलावा सीबीआई ने 3 और लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में 4 गिरफ्तारियां हो गई हैं. इससे पहले देबाशीष, विक्रम सिंह और संजय विशिष्ठ को गिरफ्तार किया गया था.
कोलकाता: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सोमवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को संस्थान में वित्तीय भ्रष्टाचार में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है. संदीप घोष की गिरफ्तारी के एक घंटे के भीतर ही CBI अधिकारियों ने उनके सुरक्षा गार्ड और दो वेंडर को हिरासत में ले लिया. जो उस अस्पताल को सामग्री की आपूर्ति करते थे, जहां 9 अगस्त को एक लेडी ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था, जिसकी बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.
अख्तर ने खोली भ्रष्टाचार की पोल
रेप और मर्डर मामले मेंएक प्रशासक के तौर पर घटना की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठे. दूसरे मामले में यानी कि भ्रष्टाचार के केस में उन पर सीधे आरोप हैं. कभी संदीप के सहयोगी रहे और आरजी कर के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने कोर्ट को बताया है कि संदीप मेडिकल ऑर्गेनिक कचरा भ्रष्टाचार, सरकारी धन का गबन, विक्रेताओं के चयन में भाई-भतीजावाद, कानून तोड़कर ठेकेदारों की नियुक्ति के अलावा कई वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं.
- संदीप घोष के खिलाफ भ्रष्टाचार के कौन-कौन से आरोप
डॉ. अख्तर अली ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया था, क्योंकि सार्वजनिक तौर पर अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या आरजी कर अस्पताल में कथित भ्रष्टाचार का किसी तरह से पोस्ट-ग्रेजुएट डॉक्टर की मौत से कोई संबंध है, जिसमें पीड़िता के बारे में जानकारी होने और मामले के उजागर होने की संभावना है. - अख्तर अली ने यह भी आरोप लगाया था कि संदीप घोष के खिलाफ एक साल पहले राज्य सतर्कता आयोग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के समक्ष दायर की गई उनकी शिकायतों का कोई खास नतीजा नहीं निकला और इसके बजाय उन्हें संस्थान से ही स्थानांतरित कर दिया गया.
- कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में अख्तर अली ने संदीप घोष पर लावारिस शवों की अवैध बिक्री, बायोमेडिकल कचरे की तस्करी और दवा और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दिए गए कमीशन के आधार पर निविदाएं पारित करने का आरोप लगाया.
- अली ने यह भी आरोप लगाया कि छात्रों पर परीक्षा पास करने के लिए 5 से 8 लाख रुपये तक की राशि का भुगतान करने का दबाव डाला गया था.
- भ्रष्टाचार का मामला CBI को सौंपे जाने के एक दिन बाद, जांच एजेंसी ने 24 अगस्त को संदीप घोष को FIR में नामजद किया और IPC की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) लगाई. कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक वरिष्ठ वकील ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि दोनों मामले एक साथ पढ़ने पर संज्ञेय अपराध के हैं और प्रकृति में गैर-जमानती हैं.
- संदीप घोष के अलावा, सीबीआई ने मध्य जोरहाट, बानीपुर, हावड़ा के एक मेसर्स मा तारा ट्रेडर्स, 4/1, एच/1, जेके घोष रोड, बेलगछिया, कोलकाता के मेसर्स ईशान कैफे और एक मेसर्स खामा लौहा के खिलाफ भी मामले दर्ज किए. बलात्कार और हत्या की जांच के सिलसिले में CBI के अधिकारियों ने घोष पर दो दौर के पॉलीग्राफ टेस्ट भी किए.