माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन माता सरस्वती की पूजा होती है। इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है।
Basant Panchami 2025 Aaj Ka Panchang 02 February 2025: आज वसंत पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है। यह दिन पूर्ण रूप से मां सरस्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें बुद्धि, ज्ञान, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।
बसंत पंचमी के मुहूर्त को लेकर सभी पंचांग एक बात को लेकर सर्वसम्मति जता रहे हैं कि, 2 फरवरी को बसंत पंचमी यानी माघ शुक्ल पंचमी तिथि नहीं है। कई प्रसिद्ध पंचांग जैसे हृषिकेश पंचांग, वैदेही पंचांग और दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रकाशित विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार पंचमी तिथि 2 फरवरी को 12 बजकर 45 से 3 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजकर 48 मिनट तक है।
इस दिन को लेकर ज्योतिष शास्त्र में कई सारे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन में खुशहाली आती है। इन्हीं में एक उपाय ये भी है कि इस दिन किताब में मोरपंख रखना चाहिए। यह बहुत ही उत्तम माना जाता है, क्योंकि मोरपंख को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
सरस्वती पूजा मंत्र
1. ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम् ।
Saraswati Puja 2025: सरस्वती पूजा के दिन अपनी किताब में रखें यह 1 चीज, होगा लाभ ही लाभ
सरस्वती पूजा का दिन अपने आप में बहुत शुभ माना जाता है। यह दिन पूरे देश में भक्ति के साथ मनाया जाता है। इसे बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन ज्ञान की देवी माता सरस्वती को समर्पित है। इस साल यह पर्व 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा तो आइए इस दिन (Saraswati Puja 2025) से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।
- सरस्वती पूजा का दिन अपने आप में बहुत शुभ माना जाता है।
- इस दिन लोग ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा करते हैं।
- इस साल यह पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा।
सरस्वती पूजा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दिन वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन लोग ज्ञान की देवी माता सरस्वती की पूजा करते हैं और कुछ जातक उपवास भी रखते हैं। इसे श्री पंचमी, सरस्वती पंचमी, बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है। हिंद पंचांग के अनुसार, इस साल यह पर्व दिन रविवार, 2 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह पर्व (Saraswati Puja 2025) हर साल पूरे भारत में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
सरस्वती पूजा पर किताब में क्या रखें?
सरस्वती पूजा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन को लेकर ज्योतिष शास्त्र में कई सारे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन में खुशहाली आती है। इन्हीं में एक उपाय ये भी है कि इस दिन किताब में मोरपंख रखना चाहिए। यह बहुत ही उत्तम माना जाता है, क्योंकि मोरपंख को ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
मात्र इस एक उपाय से पढ़ाई में मन लगता है। साथ ही व्यक्ति सफलता की ओर अग्रसर होता है। ऐसे में इस पावन मौके पर अपनी किताब में मोर का पंख जरूर रखें।
सरस्वती पूजा मंत्र (Saraswati Puja 2025 Mantra)
1. ॐ सरस्वती मया दृष्ट्वा, वीणा पुस्तक धारणीम् ।
हंस वाहिनी समायुक्ता मां विद्या दान करोतु में ॐ ।
इसके लिए आपको रोली, अबीर, हल्दी, सिंदूर, रक्षा सूत्र और दुर्वा सहित पीले रंग के फूल को अनिवार्य रूप से उपयोग में लाना चाहिए. माता की पूजा के समय यदि आप ‘ॐ ऐं क्लीं सरस्वत्यै नम:’ मंत्र का उच्चारण 108 बार करते हैं, तो इससे आपको विशेष विशेष सिद्धियों की प्राप्ति हो सकती है.
हवन में इन सामाग्रियों का करें मिश्रण
ध्यान रहे कि हवन के लिए आपको तिल, चावल, यव, पंचमेवा तथा गुड़ को अनिवार्य रूप से इक्कठा कर लेना है. इन सभी सामग्रियों को शुद्ध घी में मिलाकर आम की लकड़ी पर हवन करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी. इसके साथ ही आप मां शारदे को आंवला, केला, बेर, गाजर इत्यादि का चढ़ा सकते हैं.