CG Election 2025: निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश में वोटिंग 11 फरवरी को होगी। वहीं परिणाम 15 फरवरी को आएंगे
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में नाम वापसी का आज आखिरी दिन रहा। 11 फरवरी को वोटिंग और 15 फरवरी को इसके नतीजे आ जाएंगे। लेकिन इससे पहले ही नगर पंचायत बसना में बीजेपी अध्यक्ष पर काबिज हो गई। इसके अलावा अलग-अलग जगह 7 पार्षद पदों पर भी बीजेपी प्रत्याशियों की जीत हो चुकी है।
महासमुंद जिले में बसना नगर पंचायत में भाजपा की प्रत्याशी डॉ. खुशबू अग्रवाल निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गईं। कांग्रेस की तुलसी गौतम बंजारा के अलावा AAP और एक निर्दलीय ने नाम वापस ले लिया।
रायगढ़ नगर निगम से पार्षद के 2 कांग्रेस प्रत्याशी और भिलाई नगर निगम से पार्षद के एक कांग्रेस कैंडिडेट ने नाम वापस लिया है. ऐसे में तीनों जगह बीजेपी कैंडिडेट को वॉकओवर मिल गया है. इससे पहले गुरूवार को धमतरी नगर निगम में कांग्रेस के मेयर कैंडिटेट विजय गोलछा और विश्रामपुर नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया है
रायगढ़ नगर निगम की पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वार्ड नंबर 18 से भाजपा प्रत्याशी पूनम दिबेश सोलंकी जी के निर्विरोध घोषित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।@PoonamS25133164 pic.twitter.com/GBKUuC0vNs
— OP Choudhary (@OPChoudhary_Ind) January 31, 2025
महापौर पद के लिए 109, अध्यक्ष पद के लिए 816 कैंडिडेट हैं। पार्षद पद के लिए 10 हजार से ज्यादा लोगों ने नामांकन दाखिल किया है। इससे पहले कल, धमतरी में कांग्रेस मेयर कैंडिटेट विजय गोलछा और विश्रामपुर नगर पंचायत में अध्यक्ष प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो चुका है।
कांग्रेस ने श्याम पटेल को निष्कासित किया
बिलासपुर के वार्ड 13 दीनदयाल नगर मंगला से श्याम पटेल पिछली बार भी पार्षद थे। उनको कांग्रेस ने इस बार फिर से प्रत्याशी बनाया था। पिछला चुनाव वे लड़े और जीते भी, इसलिए उनके द्वारा इस बार नामांकन के साथ जाति प्रमाणपत्र जमा न करने को आश्चर्यजनक माना जा रहा है। कांग्रेस ने इसे पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाला काम मानते हुए तत्काल प्रभाव से 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने इस संबन्ध में आदेश जारी कर इसकी कॉपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सहित अन्य पदाधिकारियों को भेजी है। निष्कासन आदेश में कहा गया है कि उनके द्वारा नाम नामांकन पत्र के साथ ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग ) वर्ग का जाति प्रमाण पत्र जानबूझकर जमा नहीं किया गया है।