गलवान हिंसा (Galwan violence) के बाद भी भारत (India) और चीन (China) के बीच रिश्तों को सामान्य दिखाने में जुटे ड्रैगन को भारतीय विदेश मंत्री (Foreign Minister) एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने पिछले दिनों करारा जवाब दिया था। जयशंकर ने कहा कि भारत के सामने ‘एक खास चीन समस्या’ है जो दुनिया की चीन की ‘सामान्य चीन समस्या’ से अलग है। उन्होंने कहा कि सीमा और दोनों देशों के बीच रिश्तों की हालत को देखते हुए चीन से होने वाले निवेश की जांच जरूरी है। भारतीय चाणक्य के इस जोरदार बयान से चीन का सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स बौखला गया।
ग्लोबल टाइम्स ने कथित चीनी एक्सपर्ट के हवाले से जयंशकर पर बहुत ही हास्यास्पद निजी हमले बोले। उसने कहा कि जयशंकर चीन के प्रति जलन और घृणा रखते हैं। इस लेख में ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि जयशंकर में न तो नेहरू की कूटनीति की नैतिकता है और न ही इंदिरा गांधी की कूटनीति का सदाचार है। ग्लोबल टाइम्स के इस लेख की जब चौतरफा आलोचना होने लगी तो उसने इसे अपनी वेबसाइट से हटा दिया।
उन्होंने कहा कि जिन देशों की सीमा चीन से नहीं लगती, वे भी चीन से होने वाले निवेश की जांच कर रहे हैं। एक समाचार पत्र द्वारा आयोजित वर्ल्ड लीडर्स फोरम में उन्होंने कहा कि चीन कई मायनों में एक अनूठी समस्या है, क्योंकि वह एक अनूठी राजनीति है, वह एक अनोखी अर्थव्यवस्था है। जब तक कोई इस विशिष्टता को समझने की कोशिश नहीं करता, तब तक इससे निकाले जाने वाले निर्णय और नीतिगत कदमों में समस्या रहेगी।