राजधानी रायपुर के विधानसभा से उत्तर दिशा में करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर मनोरम और धार्मिक स्थल है श्री ठाकुर देव बोहरी धाम के नाम से जानते हैं, कोल्हान नाले के करीब बसा यह स्थल ग्राम पथरी में आता है, बोहरही धाम आज़ एक संपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में विकसित हों चूका है, यहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर तीन दिनों का विशाल मेला लगता है,

इस वर्ष भी,25,26,27 फरवरी 2025 कों विशाल मेले का आयोजन किया जा रहा है, दिनांक 25 कों फ़रवरी कों मेला स्थल पर लोकरंग राज्य अलंकृत श्री राजेन्द्र रंगीला का कार्यक्रम रखा गया है ,

कार्यक्रम कों सफल बनाने में सरपंच श्रीमती कल्याणी आडिल दादू आडिल ,श्रीकांत बघेल ,बुलाकी आडिल,रामरतन यादव,तारण वर्मा,शंकर साहू,एवं भोजनालय में राधा वर्मा ,आशा साहू,भारती वर्मा,यससु निषाद,ज्योति वर्मा,रोहणी निषाद का सहयोग रहा।
सिद्धेश्वर मंदिर, पलारी

रायपुर से बलोदाबाजार रोड पर 70 कि.मी. दूर स्थित पलारी ग्राम में बालसमुंद तालाब के तटबंध पर यह शिव मंदिर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण लगभग 7-8वीं शती ईस्वी में हुआ था। ईंट निर्मित यह मंदिर पश्चिमाभिमुखी है। मंदिर की द्वार शाखा पर नदी देवी गंगा एवं यमुना त्रिभंगमुद्रा में खड़ी हुई हैं। द्वार के सिरदल पर त्रिदेवों का अंकन है। इस पर शिव विवाह का दृश्य सुन्दर ढंग से उकेरा गया है। गर्भगृह में सिद्धेश्वर नामक शिवलिंग प्रतिष्ठिापित है। इस मंदिर का शिखर भाग कीर्तिमुख, गजमुख एवं व्याल की आकृतियों से अलंकृत है जो चैत्य गवाक्ष के भीतर निर्मित है। अभी, विद्यमान छत्तीसगढ़ के ईंट निर्मित मंदिरों का यह उत्तम नगर। है।