इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 16 प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। वहीं 4 हजार से ज्यादा उपाधियां वितरित की गइंर्। सृष्टि यादव को सर्वाधिक 4 तथा आरती एस. जयन, उत्कर्ष जैन और श्रद्धा साहू को 3-3 स्वर्ण पदक मिले। स्वर्ण पदक पाने वालों में 14 छात्राएं हैं।
विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित समारोह में वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 तक उत्तीर्ण 4000 से अधिक छात्र-छात्राओं को यूपी, पीजी और पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गईं। मेधावी विद्यार्थियों को 16 स्वर्ण, 18 रजंत एवं 4 कांस्य पदक दिए गए। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल रमेन डेका ने की। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय थे। विशिष्ट अतिथि कृषि मंत्री रामविचार नेताम थे। दीक्षांत भाषण इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक इंजीनियरिंग एण्ड बायोटेक्नोलॉजी (आईसीजीईबी) नई दिल्ली के पूर्व डीजी डॉ. वांगा शिवा रेड्डी ने दिया। कृषि विवि के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने दीक्षोपदेश दिया। समारोह में कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के पहले शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें अतिथियों सहित विवि के कुलपति, कुलसचिव, प्रबंध मण्डल के सदस्य, प्रशासनिक तथा विद्या परिषद के सदस्य तथा पदक विजेता विद्यार्थी शामिल हुए।

कृषि शिक्षा से खुले हैं देश में विकास के नये द्वार,कहा अब नीली क्रांति का दौर है : राज्यपाल
दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि कृषि की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर नवीन कृषि अनुसंधानों, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार का उपयोग कर देश की तरक्की में भागीदार बन सकते हैं। कृषि के क्षेत्र में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के उपयोग ने भारत में विकास के नए द्वार खोले हैं। राज्यपाल ने कहा कि देश और दुनिया की बड़ी आबादी का पेट भरने के लिए खाद्यान्न की हमेशा जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा, हरित क्रांति तथा श्वेत क्रांति से देश खाद्यान्न एवं दूध के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना। अब नीली क्रांति का दौर है और आज मत्स्य पालन में देश काफी आगे बढ़ चुका है
उन्होंने कहा कि अब नीली क्रांति का दौर है और आज मत्स्य पालन में देश काफी आगे बढ़ चुका है। भूटान और ताइवान प्रवास के दौरान कृषि कार्य से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को साझा किया। उन्होंने कहा कृषि एक शानदार व्यवसाय है और इससे जुड़कर भी हम देश के विकास में अपना योगदान दे सकते है। कृषि में असीम संभावनाएं है और युवा पीढ़ी को इसे समझकर इससे जुड़ना होगा। उन्होंने जय जवान जय किसान जय विज्ञान का उल्लेख करते हुए कहा कि विज्ञान से जुड़कर ही हम कृषि को उन्नत बना सकते है।
ज्ञान व तकनीक का उपयोग समाज हित में करेंः साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा कृषि क्षेत्र के विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। आपने (विद्यार्थियों ने) जो ज्ञान अर्जित किया है, उस ज्ञान एवं तकनीक का उपयोग समाज के हित में, देश एवं प्रदेश के विकास में करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय ने फसलों की 160 से अधिक किस्में और 100 से अधिक उन्नत कृषि तकनीक विकसित की हैं। इस विवि में धान के 23,250 जर्मप्लाज्म हैं, जो कि विश्व में दूसरे नंबर पर हैं। अन्य फसलों की लगभग 6 हजार किस्में विश्वविद्यालय में संग्रहित हैं।