मई में देशभर में 156.31 अरब यूनिट बिजली की खपत रही। एक साल पहले की तुलना में इसमें 15 फीसदी की वृद्धि रही है। मई 2023 के दौरान देश में 136.50 अरब यूनिट बिजली की खपत हुई थी। एसी की डिमांड में भारी इजाफा हुआ। एसी बनाने वाली कंपनियां डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं कर पा रही हैं। एसी इंस्टॉल करने के लिए वर्कर्स की किल्लत है।]
नई दिल्ली। इस साल मई में भीषण गर्मी और हीटवेव ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। गर्मी के प्रकोप से बचने के लिए लोगों ने बड़े पैमाने पर ठंडक देने वाले इलेक्ट्रिक उपकरणों का सहारा लिया। जैसे कि पंखा, कूलर और एसी। इससे बिजली की खपत में भी भारी उछाल दिखा।
मई में कितनी रही बिजली की खपत
मई में देशभर में 156.31 अरब यूनिट बिजली की खपत रही। एक साल पहले की तुलना में इसमें 15 फीसदी की वृद्धि रही है। मई 2023 के दौरान देश में 136.50 अरब यूनिट बिजली की खपत हुई थी। एसी की डिमांड में भारी इजाफा हुआ। एसी बनाने वाली कंपनियां डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं कर पा रही हैं। एसी इंस्टॉल करने के लिए वर्कर्स की किल्लत है।
भीषण गर्मी के साथ बिजली की डिमांड भी नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। सरकारी डेटा के अनुसार, मई के दौरान बिजली की अधिकतम मांग भी बढ़कर 250.07 गीगावाट रही है, जो एक साल पहले 221.42 गीगावाट थी। इससे पहले बिजली की सर्वकालिक उच्च मांग 243.27 गीगावाट थी। यह सितंबर 2023 में दर्ज की गई थी।
इस साल गर्मी में टूट सारे रिकॉर्ड
पिछले महीने बिजली मंत्रालय ने अनुमान जताया था कि इस साल गर्मियों के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है। एक जून को बिजली की अधिकतम मांग 245.41 गीगावाट रही है। गर्मी बढ़ने के साथ जून में डिमांड भी और बढ़ने का अंदेशा है। जून 2023 में बिजली की अधिकतम मांग 224.10 गीगावाट थी।
सरकार की ओर से पूरी तैयारी!
सरकार का दावा है कि वह बिजली की रिकॉर्ड डिमांड को पूरा करने के लिए तैयार है। सरकार ने गैस से बिजली उत्पादन करने वाले सभी स्टेशनों को 1 मई से 30 जून तक अपना प्लांट चालू रखने का निर्देश दिया है, ताकि पावर सप्लाई में ज्यादा दिक्कत न हो।