23 साल में एक ही परिवार से तीसरी प्रधानमंत्री, 2 दिन पहले कोर्ट ने श्रेथा थाविसिन को हटाया था
थाईलैंड की नई प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा अपने देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण नाम बन चुकी हैं। वह शिनावात्रा परिवार से थाईलैंड की कमाल संभालने वाली तीसरी नेता बन गई हैं। इससे पहले उनके पिता थाकसिन शिनावात्रा और उनकी बुआ यिंगलुक शिनावात्रा यह पद संभाल चुकी हैं। 37 साल में प्रधानमंत्री बनने के साथ ही वह इस पद पर पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की नेता बन गई हैं।
कौन हैं पैटोंगटार्न शिनावात्रा?
पैटोंगटार्न थाइलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी बेटी हैं। इंग उपनाम से जानी जाने वाली पैटोंगटार्न ने थाईलैंड के प्रतिष्ठित चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान और ब्रिटेन से होटल मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री की। 17 साल की उम्र में वह तब सुर्खियों में आई थी जब मास्टर की पढ़ाई के दौरान उन्होंने मैकडॉनल्ड्स में पाार्ट टाइम नौकरी की। इसी दौरान थाईलैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री और उनके पिता के कार्यस्थल पर अचानक उतार-चढ़ाव आने से वह सुर्खियों में आ गई।
थाकसिन को सेना ने, यिंगलुक को कोर्ट ने हटाया
पाइतोंग्तार्न के पिता पूर्व प्रधानमंत्री थाक्सिन शिनावात्रा को 2006 में सेना ने तख्तापलट कर सत्ता से बाहर कर दिया था। उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। अदालत के फैसले के बाद वो निर्वासन में चले गए। उन्होंने देश छोड़ दिया। इसके बाद थाकसिन ने अपनी बहन यिंगलुक को आगे बढ़ाया। वे 2011 में प्रधानमंत्री बनीं।
थाक्सिन पर आरोप लगा कि वे अपनी बहन के सहारे देश के बाहर रहकर सरकार चला रहे हैं। वे विदेश में मंत्रियों से मिलते हैं। सिंगापुर में मंत्रियों से ऐसी एक मुलाकात की रिकॉर्डिंग सामने आई थी।
इसमें थाक्सिन को एक एमनेस्टी बिल के बारे में निर्देश देते बताया गया था। अगर ये बिल पास हो जाता तो थाक्सिन दोष मुक्त हो जाते और वे आसानी से देश लौट पाते। रिकॉर्डिंग के वायरल होने के बाद थाईलैंड की राजनीति में खूब हंगामा हुआ था। यिंगलुक को 2014 में कोर्ट ने पद से हटा दिया था। यिंगलुक के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
होटल के सीईओ के रूप में भी किया काम
पैटोंगटार्न का सफर यहीं नहीं रुका। उन्होंने रैंड डेवलपमेंट कंपनी होटल के सीईओ के रूप में भी काम किया, जहां उन्होंने अपने नेतृत्व कौशल को निखारा। वे इस पद पर तब तक रहीं जब तक कि उन्होंने राजनीति में पूरी तरह से कदम नहीं रखा।