न्यूमोनिया से बचने के लिए चलाया जा रहा है सांस कार्यक्रम।
रायपुर: आज दिनांक 20/11/24 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश चौधरी के निर्देशन में, एवं एम सी एच नोडल अधिकारी डॉ प्रीति नारायण के मार्ग दर्शन मे, सांस कार्यक्रम के तहत् एम सी एच अस्पताल काली बाड़ी रायपुर में, जिला स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा एवं अधिकारी डॉ मिथिलेश चौधरी द्वारा किया गया। अवेयरनेस के लिए यह अभियान दिनांक 12 अक्टूबर 2024 से फ़रवरी 2025 तक चलाया जाएगा। इनॉग्रेशन के इस अवसर पर एम सी एच अस्पताल काली बाड़ी से डॉक्टर निर्मला यदु, डॉक्टर निधि गुप्ता, डॉक्टर कल्पना उपस्थित रहें ।
जागरूकता के लिए प्रति वर्ष 12 नवंबर को वर्ल्ड न्यूमोनिया डे भी मनाया जाता हैं। सभी पीएचसी/सीएचसी में एवं फील्ड स्तर में बच्चों को न्यूमोनिया से बचाव के लिए पी सी वी वैक्सीन भी लगाई जाती हैं।
न्यूमोनिया के जागरूकता के लिए नर्सिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स ने रोल प्ले भी किया।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निधि गुप्ता ने बताया कि 0 से 5 वर्ष के बच्चों में अधिकांश मृत्यु निमोनिया से होती हैं ।उनके द्वारा बचाव के उपाय बताएं गए बच्चों की देखरेख के बारे में आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने,उपस्थित जन समुदाय के प्रश्नों का जवाब न्यूमोनिया के संबंध में दिए। सीएमएचओ सर ने कहा कि निमोनिया के प्रबंधन के बारे में मितानिन, ए एन एम, शीघ्र शुरुवाती लक्षणों को पहचानने में ध्यान दें इलाज की सुदृढ़ीकरण करने एवं उपयोगी दवा मितानिनों के पास उपलब्ध रहे एवं मितानिन सही समय पर बच्चें की गंभीरता को देखते हुए निजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में रिफर कर सके। जिससे हम कार्यक्रम के उद्देश्य “निमोनिया से होने वाली मृत्यु”को कम कर सकते है। निमोनिया के लिए टैग लाईन भी बनी है निमोनिया नहीं तो बचपन सही।। चैन की सास लेगा बचपन, जब आप पहचानेंगे न्यू मोनिया के लक्षण।।
निमोनिया क्या है ?
निमोनिया फेफड़ो में रोगाणुओं के संक्रमण से होता हैं, निमोनिया एक गंभीर बीमारी हैं। देश में 05 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का ये सबसे बड़ा कारण हैं। इसलिये घरेलू उपचार में समय ना गवाएं। निमोनिया के लक्षण पहचान कर बच्चे को तुरन्त स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास या स्वास्थ्य केन्द्र ले जाएं।
निमोनिया के लक्षण :-
- खाँसी और जुकाम का बढ़ना
- तेजी से साँस लेना
- सॉस लेते समय पसली चलना या छाती का नीचे धँसना
- तेज बुखार आना
निमोनिया के गंभीर लक्षण :-
- खा-पी ना पाना
- झटके आना
- सुस्ती या अधिक नींद
- लक्षण दिखते ही नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाएं।
निमोनिया से बचाव के लिए क्या करें ?
- जन्म के पहले घंटे में स्तनपान
- जन्म से 06 माह तक केवल माँ का दूध पिलाऐं
- 06 माह के बाद ऊपरी ठोस आहार भी शुरू करें
- पीने का पानी ढ़क कर रखे
- खाना पकाने और खिलाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोएं
- बच्चे के शरीर को ढ़ककर रखें
- सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनाये और जमीन पर नंगे पाँव ना चलने दें
- बच्चे का संपूर्ण और समयानुसार टीकारण करवाएँ
- घर में धुआं ना होने दें और खिड़कियां खुली रखें
- खाना LPG गैस स्टोव पर ही पकाएँ