राहुल गांधी की राजनीति बदल रही है। ये कहना है उनकी धुर विरोधी बीजेपी नेता स्मृति इरानी का। स्मृति ने एक ताजा पॉडकास्ट में यह भी बताया कि राहुल ने जाति का मुद्दा इतने जोर-शोर से क्यों उठाया। स्मृति इरानी अमेठी में राहुल गांधी को लोकसभा का चुनाव हरा चुकी हैं।
“मुझे लगता है कि राहुल गांधी की पॉलिटिक्स में एक चेंज आया है. राहुल टी शर्ट पहनते हैं पार्लियामेंट में. वो जानते हैं कि उस सफेद टी शर्ट से वह युवा पीढ़ी को क्या संदेश दे रहे हैं. हम इस मुगालते में न रहें कि उनका कोई भी कदम चाहे वो अच्छा है या नहीं, या वो कदम बचकाना लगे…लेकिन अब वो एक अलग पॉलिटिक्स कर रहे हैं.”
उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर 2019 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी को हरा चुकीं स्मृति ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार जाति को राजनीतिक हथियार बनाया है, ये अपने आप में उनके बदलाव का द्योतक है। स्मृति ने कहा कि राहुल की सामाजिक न्याय में कोई निष्ठा नहीं है बल्कि वो अपने फायदे के लिए जाति की बात उठा रहे हैं। इससे उन्हें समय-समय पर हेडलाइन मिल जाती है और चर्चा में बने रहते हैं।
मंदिर पॉलिटिक्स फेल तो जाति पर आए राहुल: स्मृति
बीजेपी की कद्दावर नेता ने कहा कि राहुल गांधी बहुसंख्यक हिंदुओं को लुभाने के लिए मंदिर-मंदिर गए, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली तो अब जाति का मुद्दा उछालने लगे हैं। स्मृति के अनुसार, राहुल पहले धार्मिक रूप से छलना चाहते थे, नाकामयाब रहे तो अब सामाजिक रूप से छलने में जुटे हैं। अगर इसमें भी असफलता मिली तो वो कोई तीसरा मुद्दा चुन लेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि सत्ता के सिवा उनकी किसी के प्रति कोई निष्ठा नहीं है। स्मृति ने एक यूट्यूब पॉडकास्ट में ये बातें कहीं।