31 May 2024/
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नई दिल्ली। एजेंसी। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदन लोकुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी के साथ-साथ मौन रहने का अधिकार भी दिया गया है, जिसका प्रयोग व्यक्ति गिरफ्तार होने पर कर सकता है। न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि सभी मौलिक अधिकार आपस में जुड़े हुए हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि…