रायपुर, 10 अगस्त 2024
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की 11 अगस्त को पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मिनीमाता ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने दलितों के नागरिक अधिकारों के साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में समाज से लेकर संसद तक अपनी आवाज उठाई। मिनीमाता मजदूरों के हितों और नारी शिक्षा के प्रति भी जागरुक और सहयोगी रहीं।
श्री साय ने कहा कि समाज एवं महिलाओं के उत्थान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिनीमाता के नाम पर राज्य सरकार द्वारा राज्य अलंकरण पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि मिनीमाता का सेवाभावी व्यक्तित्व हम सभी को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव 11 अगस्त को बिलासपुर में छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनी माता की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। वे लोरमी में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के शिव महापुराण कथा में भी शामिल होंगे। श्री साव 11 अगस्त को सवेरे नौ बजे बिलासपुर से सड़क मार्ग से मुंगेली जिले के लोरमी के लिए रवाना होंगे। वे सवेरे दस बजे लोरमी में पंडित प्रदीप मिश्रा के शिव महापुराण कथा में शामिल होंगे। वे दोपहर ढाई बजे लोरमी से बिलासपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।
मिनी माता को का जन्म 15 मार्च 1916 को हुआ था। मिनीमाता भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की सीनियर लीडर थी। मिनी माता के बारे में कहा जाता है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी मिनी माता का सम्मान करते थे। मिनी माता का वास्तविक नाम मीनाक्षी देवी था, लेकिन उनकी ख्याति मिनी माता के नाम से हुई।
मिनी माता छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद हैं। वो 1955 के उपचुनाव को जीतकर पहली बार सांसद पहुंची थी। वो अविभाजित मध्यप्रदेश की अलग-अलग संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित हुईं। राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा के कारण भी उनकी लोकप्रियता थी। उनकी समाज सेवा के कारण ही लोग उन्हें मिनी माता के नाम से पुकारते थे। मिनी माता ने सतनामी समाज के लिए कई सराहनीय काम किए।
समाज में पिछड़ापन और छुआछूत जैसी तमाम कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
1 – संसद में अस्पृश्यता बिल को पास कराने में मिनीमाता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2 – बाल विवाह, दहेज प्रथा, गरीबी और अशिक्षा दूर करने के लिए भी मिनीमाता लगातार आवाज उठाती रहीं।
3– सामान्य और मध्मवर्गीय परिवार से होने के कारण छत्तीसगढ़ की जनता का मिनीमाता से सीधा जुड़ाव था। इसी वजह से प्रदेश की जनता उन्हें राजमाता जैसा सम्मान देती थी।
4– छत्तीसगढ़ के लोग मिनीमाता से इतना प्यार करते हैं कि आज भी प्रदेश सरकार उनके सम्मान में हर वर्ष महिलाओं के विकास के क्षेत्र में काम करने वालों को मिनीमाता सम्मान देती है।
5 – छत्तीसगढ़ का विधानसभा भवन भी उनके नाम पर ही बना है।