सम्मान लौटने के ऐलान के पीछे नक्सलियों की ओर से सामने आई धमकी को वजह माना जा रहा है.
आपको बता दें पारंपरिक औषधि से लोगों का इलाज करने वाले हेमंचद मांझी छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के प्रवेश द्वार में स्थित ग्राम पंचायत छोटेडोंगर में उनका निवास है। जहां वे जड़ी-बूटियों से कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों का इलाज करते हैं। गौरतलब है कि मांझी जब 15 साल के थे तब से उन्होंने इलाज करना शुरु कर दिया था।वे छड़ी के सहारे मरीजों के बड़ी-बड़ी बिमारियों का पता लगाकर उनका इलाज करते है। यही वजह है कि इनकी प्रसिद्धि देश-विदेश तक फैली हुई है।
आपको बताते चले कि पीएम मोदी ने भी अपने ‘मन की बात’ के 109वां एपिसोड में पद्म सम्मान से सम्मानित छत्तीसगढ़ के हेमचंद मांझी का भी जिक्र किया। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी वैद्यराज मांझी से 28 जनवरी 2024 को रायपुर में मुलाकात कर सम्मान किया।
नक्सलियों की ओर से जारी एक पर्चे और बैनर में मांझी के लिए माओवादियों ने गलत शब्दों का इस्तेमाल किया है. नक्सलियों ने अपने पर्चे में वैद्यराज को भ्रष्टाचारी और कंपनी का दलाल बताया है. माना जा रहा है कि माओवादियों की ओर से लगाए गए आरोपों से आहत और डरकर मांझी ने पद्म सम्मान लौटने का ऐलान किया है.
वाय श्रेणी की सुरक्षा दी गई: हेमचंद मांझी ने जैसे ही पद्म सम्मान लौटाने का ऐलान किया वैसे ही छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हेमचंद मांझी को वाय श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करा दी गई. आनन फानन में इस संबंध में गृह विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया. राज्य सरकार की ओर से प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की एक बैठक हुई. बैठक में ये तय किया गया कि नारायणपुर के वैद्य और पद्म सम्मान से सम्मानित हेमचंद मांझी को वाय श्रेणी की सुरक्षा तत्काल प्रदान की जाए.
बैनर और पोस्टर लगाकर दी है धमकी: माओवादियों ने नारायणपुर जिले में दो मोबाइल टावरों को आग लगाकर मौके पर बैनर पोस्टर लगाए हैं. पोस्टर के जरिए पद्म सम्मान से सम्मानित हेमचंद मांझी को आमदई खदान का समर्थक होना बताया गया है. पोस्टर के जरिए नक्सलियों ने वैद्यराज को भ्रष्टाचारी होने का भी आरोप लगाया है.