पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल की दावेदार होने के बावजूद अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश फोगाट ने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था। उन्होंने फैसला किया कि अब वह अपने सबसे प्रिय खेल में हिस्सा नहीं!
नई दिल्ली: भारतीय रेसलर विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक्स में गोल्ड मेडल मुकाबले से पहले अयोग्य ठहराए जाने के बाद अपनी मां को संबोधित एक भावुक संदेश में कुश्ती को अलविदा कहने की घोषणा कर दी और कहा कि अब उनमें आगे खेलने की ताकत नहीं है। उन्होंने ‘एक्स’ पर अपने संन्यास की घोषणा की। अपनी मां प्रेमलता को संबोधित करते हुए 29 वर्षीय विनेश ने लिखा, ‘मां, कुश्ती मेरे से जीत गई, मैं हार गई। माफ करना। आपका सपना, मेरी हिम्मत सब टूट चुके। इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब।’
दो बार की वर्ल्ड चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल विजेता ने कहा, ‘अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं आप सभी की हमेशा ऋणी रहूंगी। मुझे माफ कर दीजिए।’ विनेश ने बुधवार को खेल पंचाट (कैस) में ओलंपिक्स फाइनल से खुद को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए। रेसलिंग की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि वजन से जुड़े वर्तमान नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
बबीता फोगाट की बहन विनेश से अपील, दिया अपना उदाहरण
कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडल विजेता पहलवान बबीता फोगाट ने अपनी चचेरी बहन विनेश से आग्रह किया कि कुश्ती से संन्यास लेने के अपने फैसले पर फिर से विचार करें। बबीता ने कहा, ‘2012 में मैं भी एशियन चैंपियनशिप में नहीं खेल पाई थी क्योंकि मेरा वजन 200 ग्राम अधिक था। ऐसे कई अन्य उदाहरण हैं जिसमें पहलवानों को अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित किया गया है। पूरी दुनिया जानती है कि ऐसा कुश्ती के नियमों के कारण हुआ।’