हर साल 20 जुलाई को विश्व शतरंज दिवस मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) की स्थापना की वर्षगांठ को यह दिन चिह्नित करता है। यह एक बहुत पुराना खेल है। इस खेल की शुरूआत 6वीं शताब्दी में हुई थी।
शतरंज के खेल की शुरूआत भारत से ही हुई थी. ये खेल भारत से ईरान होते हुए दुनिया में फैलने के बाद इसे यूरोपीय देशों से द्वारा दिया गया नाम है. पहले इस खेल को चतुरंग नाम से जाना जाता था, समय के साथ इसका नाम बदला और इसे शतरंज और अंग्रेजी में चेस नाम दिया गया.शतरंज के खेल की शुरूआत भारत में चतुरंग नामक खेल से हुई थी। जिसके बाद यह खेल धीरे-धीरे पश्चिम में फैल गया और वहीं 15वीं शताब्दी तक शतरंज का खेल यूरोप का सबसे पसंदीदा खेल बन गया।
बता दें कि 19वीं शताब्दी तक यह लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय खेल बन गया था। वहीं साल 1924 में दुनिया भर में शतरंज को व्यवस्थित और बढ़ावा देने के लिए FIDE की स्थापना की गई थी। FIDE विश्व चैंपियनशिप समेत अन्य कई अंतरराष्ट्रीय शतरंज टूर्नामेंटों को आयोजित करता है।
आप अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस कैसे मनाते हैं?
आप किसी के साथ शतरंज पर चर्चा करके, शतरंज स्ट्रीम देखकर, शतरंज खेलकर या अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस की गतिविधियों में भाग लेकर अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस मना सकते हैं. 2018 में Chess.com ने अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस मनाने और सम्मान देने के लिए 24 घंटे का एरिना टूर्नामेंट आयोजित किया.
उदयपुर की कियाना ने महज 4 साल की उम्र में अपने पिता जितेंद्र से शतरंज खेलना सीखा. वहीं, कियाना के शतरंज सीखने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. एक समय कियाना के पिता पूरे परिवार के साथ घूमने गए थे. वहां एक रिसॉर्ट में कुछ लोग शतरंज खेल रहे थे. पिता को शतरंज खेलते देख कियाना ने भी शतरंज खेलने की इच्छा जाहिर की. उसके बाद पिता ने उसे शतरंज की बारीकियां सिखाई. वहीं, कुछ समय बाद कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लग गया. जब पूरी दुनिया अपने घरों में कैद थी तो कियाना अपने पिता के साथ शतरंज की हुनर सीख रही थी. बेटी में शतरंज के प्रति लगाव को देखकर पिता ने उसे इसकी ट्रेनिंग दिलवाई. देखते ही देखते शतरंज में उसने एक से बढ़कर एक मुकाम बनाना शुरू किया. अब शतरंज में वो पांच अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी है.
कियाना की उपलब्धि : कियाना ने एशियाई यूथ शतरंज चैंपियनशिप 2023 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया. उसके बाद एशियाई युवा रैपिड शतरंज चैंपियनशिप 2023 में रजत पदक, एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप 2023 में क्लासिक, रैपिड और ब्लिट्ज में 3 टीम स्वर्ण पदक, एशियाई युवा शतरंज चैंपियनशिप 2024 में ब्लिट्ज में टीम स्वर्ण पदक, नेशनल स्कूल अंडर-7 गर्ल्स चैंपियन में उपविजेता (प्रथम के साथ टाई-ब्रेक), 6 साल 10 माह की उम्र में FIDE रेटिंग प्राप्त करने वाली राजस्थान में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनी. इसके अलावा 3 बार राजस्थान स्टेट चैंपियन अंडर-7 और अंडर-8 और अंडर-13, 35वें एमपीएल नेशनल गर्ल्स अंडर-7 शतरंज चैंपियनशिप टूर्नामेंट 2022 में तीसरी उपविजेता बनी. KUDO (मार्शल आर्ट) में राष्ट्रीय डबल स्वर्ण पदक जीता.