नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 से कम हुई। खासतौर से यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में मतदान उम्मीद से काफी कम रहा। वजह चाहे गर्मी का प्रकोप कहें या फिर वोटिंग के प्रति उदासीनता या फिर कुछ और…। दूसरे चरण में 13 राज्यों की 89 लोकसभा सीटों पर मतदान 60% के करीब रहा। यह 2019 में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम रहा। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े।
सुबह से ही रहा वोटिंग का ट्रेंड कम
शुक्रवार सुबह से ही वोटिंग का ट्रेंड कम रहा। सुबह 9 बजे तक महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार में सबसे कम वोट पड़ते दिखे। यह रुख शाम तक ऐसे ही रहा। हालांकि, दोपहर 1 बजे के बाद वोट प्रतिशत थोड़ा बढ़ना शुरू हुआ। लेकिन शाम 5 बजे तक यह उतना नहीं बढ़ा, जितना सोचा जा रहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूसरा चरण बहुत अच्छा रहा। एनडीए को मिला बेजोड़ समर्थन विपक्ष को और अधिक निराश करने जा रहा है।
बंगाल और केरल में EVM में गड़बड़ी की शिकायतें, कर्नाटक में तोड़फोड़पश्चिम बंगाल और केरल में कुछ बूथों पर EVM में गड़बड़ी और बोगस वोटिंग की शिकायतें मिली हैं। कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले के बंजारुमले गांव में 100% मतदान हुआ है। इस गांव में 111 वोटर हैं। इसी राज्य के चामराजनगर जिले के इंडिगनाथा गांव के लोगों ने विकास की मांग कर वोट का बहिष्कार किया। जब प्रशासन मनाने पहुंचा तो गांववालों ने पोलिंग सेंटर में पथराव किया। पश्चिम बंगाल के बालुरघाट में बीजेपी और तृणमूल कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में बूथ पर ड्यूटी के दौरान एक पुलिसकर्मी ने खुद को गोली मार ली। वह मध्य प्रदेश का रहने वाला है।