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अंकल सैम ! पलटा गेम तब ‘हुआ तो हुआ’ अब इनहेरिटेंस टैक्स…

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पित्रोदा, राजनीति की दुनिया में यह नाम कोई नया नहीं है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के सलाहकार रह चुके पित्रोदा इस समय इंडिया ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। विदेश में रह रहे हैं। पित्रोदा अपने काम से कम अपने बयानों के चलते ज्यादा चर्चे में रहते हैं। उनके बयान कांग्रेस के लिए भी सरदर्द बन जाते हैं। पार्टी के लिए सिवाय उसे डिफेंड करने के कोई चारा नहीं रहता। एक बार फिर सैम पित्रोदा के बयान ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। चुनावी समर में सैम पित्रोदा ने अपने ताजा बयान में विरासत टैक्स की वकालत की है। उन्होंने अमेरिका में लागू इस टैक्स की पैरवी करते हुए रोचक बताया। विवाद बढ़ता देख सफाई तो दी, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। आइए, सैम पित्रोदा के उन बयानों की चर्चा करते हैं जो पहले भी विवाद की वजब बन चुके हैं।
पित्रोदा का बयान
सैम पित्रोदा ने अपने हालिया बयान में विरासत टैक्स या कहें Inheritance Tax की वकालत की। उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। फर्ज कीजिए, अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति बच्चों को दी जाती है और 55 फीसदी सरकार के पास जाती है। इसका सीधा मतलब है जो संपत्ति आपने अपने जीते-जी बनाई, उसकी आधी मरने के बाद जनता के लिए छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत रोचक कानून है। वहीं भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है।
सिख दंगों पर कहा – हुआ तो हुआ
पिछले साल के लोकसभा चुनाव यानी 2019 में उन्होंने सिघ दंगों पर कुछ ऐसा कह दिया जो कांग्रेस के लिए दिक्कत पैदा कर गया था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के आरोपों पर कहा कि 1984 का क्या? आपने अपने पहले 5 साल में क्या किया, उसकी बात करिए, 1984 में जो हुआ तो हुआ। इस बयान पर खूब हंगामा मचा था। मोदी ने भी संसद में कहा था कि कांग्रेस पार्टी के एक मार्गदर्शक अमेरिका में बैठे हैं जो कहते हैं हुआ तो हुआ और वह गांधी परिवार के भी बेहद करीबी हैं।
बीजेपी का हमला
भाजपा की तरफ से अमित शाह ने लोगों से श्री पित्रोदा की टिप्पणी को गंभीरता से लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि उनकी छिपी हुई योजनाएं सामने आ गई हैं। लोगों को ध्यान रखना चाहिए और कांग्रेस को अपने घोषणापत्र से सर्वेक्षण का उल्लेख वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता अल्पसंख्यकों की नहीं है। हमारी प्राथमिकता गरीब, दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग हैं। असम के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने पोस्ट के साथ साक्षात्कार का एक वीडियो साझा किया कि परिवार सलाहकार बीज फैला रहे हैं-उनका इरादा आपकी मेहनत की कमाई की ‘संगठित लूट और वैध लूट’ है।

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Janmat News

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