लंदन: ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शरणार्थी का दर्जा पाने की कतार में लगे करीब 5,000 अवैध भारतीयों को अफ्रीका भेजने का आदेश जारी किया है। इन्हें जून से अफ्रीकी देश रवांडा भेजा जाएगा। पांच हजार भारतीयों में वे लोग भी शामिल हैं जो कानूनी तौर पर ब्रिटेन आए और फिर शरणार्थी दर्जे के लिए आवेदन किया।इनमें वे भारतीय भी शामिल हैं जो 1 जनवरी 2022 के बाद इंग्लिश चैनल पार करके अवैध रूप से ब्रिटेन में दाखिल हुए थे। फिलहाल ब्रिटेन के हिरासत केंद्रों में रह रहे इन भारतीयों पर अनिश्चित भविष्य का खतरा मंडरा रहा है। सुनक ने इन पांच हजार भारतीयों के शरणार्थी दर्जे के आवेदन को खारिज कर दिया है।
ब्रिटेन में शरणार्थी का दर्जा चाहने वाले 5,253 भारतीयों में से 60 प्रतिशत की उम्र 18 से 29 साल के बीच है। उनमें से 1,200 ने ब्रिटेन आने के लिए 2023 में नाव से खतरनाक इंग्लिश चैनल को पार किया। इंग्लिश चैनल मार्ग से अवैध रूप से ब्रिटेन आने वाले भारतीयों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। इस रास्ते से 2022 में 849 भारतीय अवैध रूप से ब्रिटेन आए। ब्रिटिश गृह मंत्रालय के मुताबिक, 2024 में इंग्लिश चैनल रूट के जरिए करीब 2 हजार भारतीयों के ब्रिटेन आने की उम्मीद है।
रवांडा में निर्वासन पर पांच साल का समझौता होगा। शरणार्थी का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदकों के पास दो विकल्प होंगे। पहला- अपना शेष जीवन रवांडा में बिताना, दूसरा- किसी दूसरे देश में शरण लेना। सनक ने साफ कर दिया है कि कोई भी शरणार्थी किसी भी हालत में ब्रिटेन वापस नहीं लौट पाएगा. यहां बता दें कि रवांडा को प्रत्येक शरणार्थी के लिए 63 लाख रु. मिलेंगे सभी देशों के शरणार्थियों के लिए 18,900 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. रवांडा पर कभी भी ब्रिटेन का शासन नहीं रहा, लेकिन यह 2009 में राष्ट्रमंडल में शामिल हो गया। रवांडा को ब्रिटेन से सालाना 5 हजार करोड़ रुपए का अनुदान मिलता है।