भारत में बेचे जाने वाले बेबी फूड में चीनी मिलाने को लेकर नेस्ले (Nestle) अब जांच के घेरे में आ गई है। हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें नेस्ले पर बच्चों के दूध और सेरेलक (Cerelac) में चीनी मिलाने की बात सामने आई थी। इन रिपोर्टों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए भारत सरकार ने इसकी जांच की बात कही है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक टॉप लेवल के सरकारी अधिकारी ने बिजनेस टुडे टीवी को बताया, “हमने नेस्ले के संबंध में रिपोर्ट का संज्ञान लिया है और इस मामले की जांच करेंगे।”
सूत्रों की मानें तो कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत नेस्ले के बेबी फूड के सैंपल की जांच की जाएगी।
बता दें, हाल ही में एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ कि नेस्ले कई देशों में बच्चों के दूध और सेरेलैक प्रोडक्ट्स में चीनी और शहद का इस्तेमाल करता है। चीनी का इस्तेमाल करना अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। इस तरह के मामले भारत के अलावा अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के देशों में देखने को मिले हैं। हालांकि, नेस्ले ने इस पर सफाई देते हुए कहा है की वो भारत में सभी नियमों का पालन कर रही है।
भारत में बिकने वाले करीब 15 सेरेलैक बेबी प्रोडक्ट्स में पाई गई चीनी
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बिकने वाले सभी 15 सेरेलैक बेबी प्रोडक्ट्स में 3 ग्राम चीनी पाई गई, लेकिन अफ्रीका के इथियोपिया और एशिया के थाईलैंड जैसे देशों में तो चीनी 4 से 6 ग्राम तक पाई गई है। ध्यान देने वाली बात ये है कि जर्मनी और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में बेचे जाने वाले इन्हीं प्रोडक्ट्स में चीनी नहीं होती है।
बता दें, ग्लोबल लेवल पर सेरेलैक एक लीडिंग बेबी फूड ब्रांड है जिसने साल 2022 में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की बिक्री की है। खास तौर पर इस बिक्री का करीब 40 प्रतिशत, ब्राज़ील और भारत के साथ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होता है।