रायबरेली से राहुल गांधी के नाम की घोषणा हुई और उन्होंने गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर रायबरेली को चुना। ऐसा 25 वर्षों बाद हो रहा है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य अमेठी से इस चुनावी रण में नहीं उतरा है। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण की नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रायबरेली से पर्चा दाखिल किया
रायबरेली। तमाम कौतूहल और कयासों के बाद शुक्रवार सुबह रायबरेली से राहुल गांधी के नाम की घोषणा हुई और उन्होंने गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले अमेठी निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर रायबरेली को चुना। ऐसा 25 वर्षों बाद हो रहा है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य अमेठी से इस चुनावी रण में नहीं उतरा है।
अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं
राहुल गांधी ने नामांकन के बाद एक्स पर लिखा कि ‘रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था। मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है। अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे खुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं। मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं।
नामांकन से लौटकर की पारंपरिक पूजा
गांधी परिवार से जब किसी ने लोकसभा के लिए नामांकन किया तो पहले केंद्रीय कार्यालय पहुंचकर पूजन किया। उसी परंपरा को निभाने के लिए राहुल के नामांकन के लिए पूजन कार्यक्रम केंद्रीय कार्यालय में रखा गया, लेकिन जाम के कारण उन्होंने नामांकन करने के बाद पूजा की।
नामांकन करके लौटे राहुल ने केवल इतना कहा कि जब दोबारा आऊंगा तो बात करूंगा। राहुल और प्रियंका एक गाड़ी में थे तो सोनिया, मल्लिकार्जुन खरगे और रॉबर्ट वाड्रा दूसरी गाड़ी में एक साथ थे।