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Wrinkles Acche Hai: रिंकल्स अच्छे हैं अभियान क्या है ? जानिए ये ट्रेंड में क्यों है ? CSIR काफी चर्चा में है

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Wrinkles Acche Hai: CSIR (Council of Scientific and Industrial Research) का अभियान रिंकल्स अच्छे हैं ( Wrinkles Acche Hai ) काफी चर्चा में है। इस कैंपेन को लेकर Wrinkled Monday शब्द बहुत इस्तेमाल हो रहा है। बताया जा रहा है कि CSIR ने कर्मचारियों से हर सोमवार Wrinkled Clothes (बिना प्रेस किए हुए कपड़े) पहनकर ऑफिस आने के लिए कहा है। अब CSIR ने इस पर सफाई दी है।

एनर्जी सेव करने के लिए पहल

Wrinkled Monday की पहल एनर्जी सेव करने के लिए की गई है। साइंटिस्ट का तर्क है कि हफ्ते में एक बार बिना आयरन किए कपड़े पहनने से एनर्जी सेव होगी। कार्बन उत्सर्जन कम होगा। प्लानेट को बचाने में मदद मिलेगी।

CSIR ने क्‍या दी सफाई ?

इस अभियान को लेकर CSIR ने सफाई दी है। ट्वीट में लिखा कि सीएसआईआर ये स्पष्ट करना चाहता है कि CSIR मुख्यालय द्वारा अपनी प्रयोगशालाओं को ऐसा कोई परिपत्र या आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है, जिसमें कर्मचारियों को आयरन किए हुए कपड़े पहनने से परहेज करने के लिए कहा गया हो। 23 अप्रैल 2024 को पृथ्वी दिवस समारोह के दौरान, आईआईटी-बॉम्बे के प्रोफेसर चेतन सोलंकी ने सीएसआईआर-मुख्यालय में Climate Clock स्थापित करने के बाद अपने भाषण में इन पंक्तियों पर अपने विचार व्यक्त किए थे।

एक जोड़ी कपड़े प्रेस करने से 200 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन

रिंकल्स अच्छे हैं अभियान 1 मई से 15 मई तक स्वच्छता पखवाड़ा के साथ शुरू किया गया है। आपको बता दें कि एक जोड़ी कपड़ों पर आयरन करने से 200 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। अगर हफ्ते में एक दिन कोई व्यक्ति आयरन का इस्तेमाल ना करे तो वो 200 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोक सकता है।

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Janmat News

Writer & Blogger

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