सूरत। एक वृद्ध पिता ने अपने बेटे के लाखों रुपए का कर्ज चुकाया। बेहतर भविष्य के लिए कनाडा भेजा, लेकिन पुत्र ने 4 साल साल तक अपने माता -पिता से संपर्क नहीं किया। आखिरकार वृद्ध माता पिता ने सुसाइड नोट छोड़ मौत को गले लगा लिया। जीवन लीला समाप्त करने से पहले चूनी भाई ने पुत्र के नाम चार पन्ने का सुसाइड नोट लिखा। चिट्ठी में बुजुर्ग पिता ने बेटे पीयूष को धन्यवाद लिखा। बेटे संजय और बहू को खूब आशीर्वाद दिया। साथ ही मरने के बाद अंतिम क्रिया में पैसे खर्च ना करने की अपील भी की। साथ ही बेटे और बहू के बुरे बर्ताव का जिक्र सुसाइड नोट में किया।
मां बाप अपनी औलाद को पैदा होने से लेकर हर पल उसकी खुशी की ही दुआ करते हैं। माता-पिता बच्चों की तरक्की देखकर खुश होते हैं। लेकिन बच्चों की बेवफाई का दुख वाकई बेहद दर्दनाक होता है। इसकी ताजा मिसाल गुजरात के सूरत में देखने को मिली। सूरत में रहकर फ़ाइनेंस का कारोबार करने वाला बेटा कर्ज में डूब गया था। पिता से बेटे की परेशानी देखी नहीं गई। बेटे का कर्ज उतारने के लिए पिता ने दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लिया। बाप ने बेटे का कर्ज उतार भी दिया। साथ ही मां-बाप ने बेटे को बेहतर भविष्य के लिये उसकी ख्वाहिश के मुताबिक कनाडा भेजने का इंतजाम भी कर दिया। मगर बेटे पर जान छिड़कने वाले मां-बाप की इस जोड़ी की किस्मत में कुछ और ही लिखा था।
बूढे़ मां-बाप को क्या पता था कि कनाडा जाते ही बेटा बेटा नहीं रहेगा। बेटे ने विदेश जाते ही माता-पिता से मुंह मोड़ लिया। वह ठीक से माता-पिता से बातचीत भी नहीं करता था। इस बात का गम मां-बाप को लगातार सताने लगा। बेटे के इसी गम में माता-पिता ने अपने घर के पंखे के हुक से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी करने से पहले मां-बाप ने बेटे के नाम एक सुसाइड नोट भी छोड़ा जिसमें उन्होंने अपनी दर्द भरी दास्तां बयान की है।
घटना सूरत के सारथना इलाके के मीरा एवेन्यू नाम की बिल्डिंग की है। यहां रह रहे 66 साल की चुनी भाई गेडिया और उनकी 64 साल की पत्नी 64 मुक्ता बेन गेडिया ने बुधवार को अपने घर के कमरे में पंख से लटक कर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी करने वाले पिता चुनी भाई ने अपने बेटे पीयूष का कर्जा उतारने के लिए कर्ज लिया था। 4 साल पहले लिया कर्ज चुनी भाई की जिंदगी पर भारी पड़ा। ये कर्ज बढ़कर 40 लाख रुपए हो गया था। कनाडा में बस चुका बेटा मां-बाप का कर्ज उतारना तो दूर उनसे बात करना भी गंवारा नहीं करता था।
पुलिस को मिला सुसाइड नोट
सुसाइड नोट में पिता ने लिखा कि वो 40 लाख के कर्ज में डूबे हैं। वह कर्ज चुका नहीं सकते हैं। उम्र 65 साल हो चुकी है तो अभी काम भी नहीं सकते। कोई काम धंधा भी नहीं है जिसके चलते वो ऐसा कदम उठा रहे हैं। उन्होने लिखा कि इस तरह का समय मेरे पुत्र पीयूष के कारण आया है, क्योंकि पीयूष के ऊपर कर्ज हो गया था और उसी कर्ज को चुकाने के लिए मुझे मैंने गहने और बचत सब उसको दे दी थी। उसके बाद पीयूष ने कहा था कि मुझे ब्याज पर रुपये दिला दो। मैं वापस लौटा दूंगा तो मैंने 35 लाख रुपए ब्याज से लाकर दिए थे। पीयूष पिछले 4 साल से कनाडा में रह रहा है उसने इस दौरान मुझे एक बार भी कॉल नहीं किया। मैंने पीयूष को दो बार वीडियो कॉल किया था लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। मेरे ऊपर लेनदारों का कोई दबाव नहीं है। मैं अपने मित्रों और सगे संबंधियों का ही कर्जदार हूं लेकिन अब मुझे शर्म आ रही है। मुझे चिंता हो रही है मैंने सभी पैसे उन्हें दे दिए हैं। अब मैं उन्हें पैसे नहीं दे सकता हूं, इसलिए मैं खुदकुशी कर रहा हूं। जिनके भी रुपए हैं, उनको परेशान मत करना। मुझे किसी ने कोई भी धमकी नहीं दी है और न ही मेरे ऊपर कोई वसूली की है। चार पन्ने के सुसाइड नोट में चूनी भाई ने कनाडा में रहने वाले पुत्र पीयूष को लेकर लिखा, ”तुम्हारी वजह से मैं और मेरा दूसरा बेटा संजय रोड पर आ गए हैं। तुमने हमारे साथ दगा किया है। ठीक है। ऊपर वाले को शायद यही मंजूर होगा। ज्यादा ना कहते हुए हमसे कोई भूल हुई हो तो दोनों हाथ जोड़कर माफी मांग रहा हूं।