50 साल से चल रही योजना के बाद, रेणुका बांध, जो सूखे महीनों में दिल्ली को प्रति सेकंड 23,000 लीटर पानी उपलब्ध कराएगा, हकीकत बनने के लिए तैयार है। लेकिन जलाशय के निर्माण और भरने में अभी आठ साल और लग सकते हैं!
दिल्ली में पानी की कमी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। एक तरफ पानी के लिए लोग सड़कों पर उतर आए हैं तो वहीं दिल्ली सरकार हरियाणा और हिमाचल सरकार से सुप्रीम कोर्ट में लड़ रही है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली को हर दिन 33.5 से 36.7 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है। यह बहुत सारा पानी है लेकिन आसानी से दिल्ली को हर गर्मी के मौसम में बनना किसी लड़ाई झगड़े के मिल गया होता अगर 250 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटी नदी पर वह डैम बना दिया जाता जिसका वादा पिछले काफी समय से किया गया था। यह डैम है रेणुका डैम जो दिल्ली की डैम बुझाने के लिए काफी है लेकिन अभी तक तैयार नहीं हो सका है। उम्मीद की जा रही है कि इस डैम का काम इस साल से शुरू हो जाएगा लेकिन इसको पूरा होने में 8 साल का वक्त लग सकता है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रेणुका डैम का विचार स्वीडिश बैंड अब्बा की स्थापना के समय से ही चल रहा है। 1976 में, हिमाचल प्रदेश के बिजली विभाग के इंजीनियर रेनुका झील के पास ददाहू में 140 मीटर का बांध बनाने की संभावना पर काम कर रहे थे, जो 40MW बिजली पैदा करेगा और दिल्ली की जल आपूर्ति को पूरा करेगा।
रेणुका नामक बांध का विचार स्वीडिश बैंड अब्बा की स्थापना के समय से ही चल रहा है। 1976 में, हिमाचल प्रदेश के बिजली विभाग के इंजीनियर रेनुका झील के पास ददाहू में 140 मीटर का बांध बनाने की संभावना पर काम कर रहे थे, जो 40MW बिजली पैदा करेगा और दिल्ली की जल आपूर्ति को पूरक करेगा।
लगभग दो दशक बाद, 1993 में, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड प्रस्तावित रेणुका डैम को लेकर एक रिपोर्ट लेकर आया, जिसमें दिल्ली की जल आपूर्ति भी शामिल थी। 2000 के दशक की शुरुआत में, यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह डैम कमजोर महीनों में दिल्ली को 23,000 लीटर पानी प्रति सेकंड (23 क्यूमेक्स) पानी की आपूर्ति करेगा। तमाम रिपोर्ट तैयार करने के बाद, अनुमान लगाए जाने के बाद, मंजूरी मिलने के बाद भी यहां कोई डैम नहीं है।
कब पूरा होगा डैम का काम
दादाहू में डैम प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक आर के चौधरी का कहना है कि इस साल उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले डैम का काम शुरू हो जाएगा। उन्हें इस हफ्ते इससे जुड़े दो बड़े डेवलपमेंट होने की भी उम्मीद है। पहला डैम के निर्माण के लिए अंतिम वन मंजूरी मिलेगी और दूसरा केंद्रीय जल आयोग से इंजीनियरिंग ड्राइंग का पहला सेट।
अब तक क्यों नहीं बना डैम
चौधरी ने कहा कि दो बड़े कारणों के चलते अब तक डैम का निर्माण नहीं हो सका। पहला, छह राज्यों के बीच एक एग्रीमेंट ना हो पाना, जिनका यमुना जल (गिरि यमुना की एक सहायक नदी है) में हिस्सेदारी है। समस्या का समाधान जनवरी 2019 में हुआ जब दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, हिमाचल और उत्तराखंड ने रेणुका बांध के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। लगभग तीन साल बाद, दिसंबर 2021 में, आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने बांध के लिए केंद्रीय वित्त पोषण को मंजूरी दी, और पीएम मोदीपीएम मोदी ने 27 दिसंबर 2021 को इसकी आधारशिला रखी। वहीं डैम का निर्माण अभी तक ना हो पाने की दूसरी वजह अभी भी बनी हुई है। बांध के जलाशय में कई एकड़ जंगल जलमग्न हो जाते हैं, इसलिए परियोजना की प्रभारी एजेंसी, हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) को दोगुने क्षेत्र पर प्रतिपूरक वनीकरण करना था।