पहले दिन बच्चों का तिलक लगाकर स्वागत और मिष्ठान खिलाएंगे। साथ ही किताबें, स्कूल ड्रेस और साइकिल का वितरण किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पहले से निर्देश जारी कर दिया था। इधर, शासन ने पहले से कहा गया है कि इस बार कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे। इसके लिए शिक्षकों को घर-घर जाकर संपर्क करने को भी कहा गया है। शाला प्रवेश उत्सव 15 जुलाई तक चलेगा।
गर्मी की छुट्टियों के 60 दिनों बाद आज स्कूल बच्चों से गुलजार हो गए। इस लंबे अंतराल के बाद स्कूल का पहला दिन होने के कारण, बच्चों के चेहरों पर खुशी और उत्साह के बीच कुछ ने हंसते-मुस्कुराते हुए स्कूल की दिशा में कदम बढ़ाया, तो कुछ रोते हुए पहुंचे। स्कूल के प्रवेश द्वार पर शिक्षकों ने बच्चों का तिलक लगाकर और मुंह मीठा कराकर उनका स्वागत किया। सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में बच्चों को न्यौता भोज कराया गया, जिससे उनकी आत्मा में नया उत्साह भरा।
कुछ स्कूलों में शिक्षकों ने मुख्य द्वार और कक्षाओं को बलून से सजाया, जिससे स्कूल का माहौल और भी रंगीन हुआ। बच्चों के हंसने-गाने से स्कूल का परिसर गूंज उठा। छुट्टियों के बाद, सूने परिसर और खाली कक्षाओं में बच्चों की खुशी ने जीवंतता फिर से भर दी। दोस्तों से मिलने के बाद बच्चों की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा, और उन्होंने अपनी छुट्टियों के अनुभव एक-दूसरे से साझा किए।
पहले बार स्कूल में कदम रखने वाले बच्चों के विविध नजारे देखने को मिले। कुछ बच्चे नए बैग के साथ हंसते हुए उत्साहित थे, जबकि कुछ रोते हुए नजर आए। स्कूल के गेट पर पालक बच्चों को समझाते हुए देखे गए, उनकी रक्षा और समर्थन में खासी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए।