बैड न्यूज करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस की फिल्म है जिसने पहले अक्षय कुमार, दिलजीत दोसांझ, करीना कपूर और कियारा आडवाणी की गुड न्यूज बनाई थी, फिल्म का निर्देशन राज मेहता ने किया था. अब करण जौहर ने एक बार फिर इसी सीरीज की एक फिल्म बनाने की कोशिश की और कहानी में ट्विस्ट डालने की कोशिश की. लेकिन यहीं सारा लोचा हो गया. फिल्म में एक संवेदनशील विषय को उठाया गया, लेकिन जिस बचकाने तरीके से फिल्म को पेश किया गया और दर्शकों की समझ पर जिस तरह वार किया गया
बैड न्यूज़ मूवी स्टोरी रिव्यू:
इशिता मोइत्रा की कहानी बेहतरीन है। इशिता मोइत्रा और तरुण डुडेजा की पटकथा थोड़ी गड़बड़ है, लेकिन कुल मिलाकर, इसमें मनोरंजक पलों की भरमार है। तरुण डुडेजा के संवाद मजेदार और मजाकिया हैं।
आनंद तिवारी का निर्देशन अच्छा है। उन्होंने फिल्म की टोन को हल्का रखा है और यह डेविड धवन और गोविंदा की 90 के दशक की कॉमिक फिल्मों की याद दिलाती है। कुछ दृश्यों में बॉलीवुड फिल्मों और गानों का इस्तेमाल स्मार्ट तरीके से किया गया है। अखिल और सलोनी का रोमांटिक ट्रैक दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान ला देगा। जबकि उनका टकराव और तलाक का सीक्वेंस दिलचस्प है। हालांकि, असली मज़ा इंटरमिशन पॉइंट पर शुरू होता है जब तीनों को कठोर सच्चाई का पता चलता है। दूसरा भाग कॉमेडी और कुछ मार्मिक पलों का मिश्रण है। आखिरी 30 मिनट में फिल्म एक नया मोड़ लेती है और इसे सराहा जाएगा।
दूसरी तरफ, कुछ चुटकुले अच्छे नहीं लगते। हिंदी फ़िल्मी गानों के कुछ नए प्रयोग भी मनचाहा असर नहीं कर पाते। उदाहरण के लिए, ‘साजन जी घर आए’ वाला मज़ाक उल्टा पड़ जाता है। यही बात दूसरे हिस्से के मज़ाक पर भी लागू होती है। असल में, पुरुष किरदारों के बचकाने व्यवहार से चिढ़ होती है। आदर्श रूप से, फ़िल्म में हीरो के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। जासूसी ट्रैक में भी ज़रूरी विचित्रता नहीं है।
अभिनय
विक्की कौशल ही इस फिल्म के असली स्टार हैं। अपनी बॉडी लैंग्वेज और डायलॉग डिलीवरी से दर्शकों को आखिर तक जोड़े रखते हैं। लेकिन अगर उनकी पिछले रिलीज कुछ फिल्मों पर नजर डालें तो उसके मुकाबले यह किरदार काफी कमजोर है।
फिल्म ‘एनिमल’ से नेशनल क्रश बन चुकीं तृप्ति डिमरी और विक्की कौशल की कैमिस्ट्री कमाल की लगी है, लेकिन इमोशनल सीन में वह कमजोर दिखी हैं।
फिल्म देखें या नही
यह फिल्म ना तो एंटरटेन करती है और ना ही कोई खास मैसेज देती है। फिल्म के गाने और डायलॉग ज्यादातर पंजाबी में हैं।
अगर आपको काम चलाऊ पंजाबी आती है तो बिना लॉजिक के फिल्म को ‘एंजॉय’ कर सकते हैं।