छत्तीसगढ़ के कोरबा में भारी बारिश की वजह से बुधवार को SECL की कुसमुंडा माइंस में पानी भर गया है। इसके चलते अंदर ही वाहन और अन्य संसाधन फंस गए हैं। कोयला उत्पादन प्रभावित होने से करोड़ों का नुकसान हुआ है।
वहीं दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में भी बारिश से NMDC का मिट्टी का बांध टूट गया। जिससे पहाड़ों से लाखों लीटर लाल पानी उतर कर शहर में घुस गया है। बाढ़ के पानी ने जमकर तबाही मचाई। करीब 100 से ज्यादा मकान-दुकान ढह गए। बिलासपुर के बगदेवा गांव में बाढ़ में फंसे 8 सदस्यीय परिवार का पुलिस ने रेस्क्यू किया। यहां नाला का जलस्तर बढ़ने से पानी घर में घुस गया था।
बांध टूटने से ऐसी तबाही हुई जिससे लोग बेघर तक हो गए. लोगों का सबकुछ तबाह हो गया. जिन घरों में लाल पानी घुसा, वहां घरेलू उपयोग के टीवी, कूलर, आलमारी, फ्रीज, जैसा सब बहकर सड़क पर आ गया. घरों में एक फ़ीट से अधिक लौह अयस्क का मलबा जमा हो गया.
बंगाली कैंप के ऊपर पहाड़ी पर एनएमडीसी की लोह अयस्क खदान नंबर 11बी और 11सी है. यहां आयरन ओर की खुदाई का काम होता है. साल 1989 में छह नंबर चेकडैम का निर्माण 10 हजार क्यूबिक मीटर क्षमता का डैम बनाया गया था, जिसपर हर साल मलबे की सफाई करवाना होता था. लेकिन, पिछले दो साल से इस डैम की सफाई अटकी हुई है.