Noida स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) ने एक सर्कुलर जारी किया. इस सर्कुलर में कहा गया कि छात्रों को लंच के लिए टिफिन बॉक्स में नॉन वेज खाना देने से बचना चाहिए. स्कूल के इस डिसीजन ने पैरेंट्स को दो खेमों में बांट दिया है!
नोएडा के एक प्राइवेट स्कूल ने बच्चों के लंच में नॉन वेज खाना लाने का सर्कुलर जारी किया है. अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है. पैरेंट्स ने कड़ी आपत्ति जताई है. विवाद बढ़ता देख स्कूल की ओर से सफाई भी आ गई है. स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा कि नॉन वेज खाने पर बैन नहीं किया गया है. बस छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पैरेंट्स से लंच में उन्हें नॉन वेज खाना नहीं देने का अनुरोध किया गया था!
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा के सेक्टर 132 स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS) के मैनेजमेंट ने 7 अगस्त को वॉट्सएप के माध्यम से पैरेंट्स के लिए एक सर्कुलर जारी किया. इस सर्कुलर में कहा गया कि छात्रों को लंच के लिए टिफिन बॉक्स में नॉन वेज खाना देने से बचना चाहिए. सर्कुलर में आगे कहा गया कि बच्चों का लंच सुबह में पकाया जाता है. इसलिए यह खराब हो सकता है. जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है.
स्कूल मैनेजमेंट ने सर्कुलर में कहा,
शाकाहारी भोजन का माहौल बना कर हम यह सुनिश्चित करते हैं कि अपनी खाने से जुड़ी प्राथमिकताओं के बावजूद एक साथ भोजन करते समय सभी छात्र सहज महसूस करें.
कुछ पैरेंट्स ने स्कूल के इस कदम का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जब उनके बच्चों के बगल में बैठे क्लासमेट्स नॉन वेज खाते हैं तो उन्हें असहज महसूस होता है. वहीं दूसरी तरफ, कई पैरेंट्स ने स्कूल मैनेजमेंट के इस डिसीजन पर सवाल उठाया है. उनका मानना है कि मैनेजमेंट को उनके बच्चों की फूड च्वाइस पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है!.
गौतम बुद्ध नगर अभिभावक कल्याण संघ के संस्थापक सदस्य मनोज कटारिया ने स्कूल के सर्कुलर की आलोचना की है! उन्होंने कहा कि हरेक बच्चे को वह खाने की स्वतंत्रता है जो उसे पंसद हो!