कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार करार दिया। कहा कि मोदी ने नेतृत्व का नैतिक अधिकार खो दिया है। संविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विफलता की जिम्मेदारी लेने के बजाय प्रधानमंत्री रविवार को फिर से शपथ लेने की इच्छा रखते हैं।
नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘राजनीतिक और नैतिक हार’ करार दिया। कहा कि मोदी ने नेतृत्व का नैतिक अधिकार खो दिया है।संविधान सदन (पुरानी संसद) के केंद्रीय कक्ष में नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विफलता की जिम्मेदारी लेने के बजाय प्रधानमंत्री रविवार को फिर से शपथ लेने की इच्छा रखते हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी और उसके सहयोगियों के नाम पर नहीं, बल्कि केवल अपने नाम पर जनादेश मांगा था। लेकिन उन्हें राजनीतिक और नैतिक हार का सामना करना पड़ा है।
मोदी ने जो जनादेश मांगा था, वह खो दिया
वास्तव में उन्होंने जो जनादेश मांगा था, वह खो दिया है। इस तरह उन्होंने नेतृत्व का अधिकार भी खो दिया है। फिर भी विफलता की जिम्मेदारी लेने के बजाय वह फिर से शपथ लेने की इच्छा रखते हैं। हम उनसे यह उम्मीद नहीं करते कि वह अपने शासन की शैली को बदल देंगे, न ही (वह) लोगों की इच्छा का संज्ञान लेंगे।
कांग्रेस सांसद नई सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए सतर्क रहें
सोनिया ने कहा, इसलिए कांग्रेस संसदीय दल के सदस्यों के रूप में हमारा यह विशेष दायित्व है कि हम उन्हें और उनकी नई सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए सतर्क, सजग और सक्रिय रहें। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब सत्ताधारी प्रतिष्ठान को संसद को बाधित करने, सदस्यों के साथ मनमाने ढंग से दुर्व्यवहार करने या उचित विचार-विमर्श और बहस के बिना कानून पारित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।