त्रिपुरा के सिपाहीजाला के कलमचेरा में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान पर बांग्लादेशी उपद्रवियों ने हमला किया। बताया जा रहा है कि इस दौरान उनपर बांस के डंडों और लोहे की छड़ों से हमला किया गया। घटना में उन्हें गंभीर चोट आई। बाद में बांग्लादेश में बीएसएफ ने समकक्ष के साथ इस मुद्दे पर मीटिंग की और घटना का विरोध दर्ज कराया।
समाचार एजेंसी पर प्रकाशित खबर में इस घटना के संबंध में जानकारी दी गई- जिस समय यह घटना घटी उस समय बीएसएफ कांस्टेबल भोले भारत-बांग्लादेश सीमा पर चौकी ड्यूटी कर रहे थे और उन्हें बाड़ गेट को संचालित करने का काम सौंपा गया था। लगभग डेढ़ बजे बांग्लादेशी तस्करों का एक बड़ा समूह अवैध रूप से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर गया और चीनी की तस्करी के इरादे से बाड़ लगाने वाले गेट के पास इकट्ठा हो गया। इसके अलावा, उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ कांस्टेबल को उत्तेजक भाषा और अश्लील इशारों से उकसाया।
इसके बाद बांग्लादेशी तस्करों ने कांस्टेबल भोले को घेर लिया और उसके साथ मारपीट की और उसे बांग्लादेश की ओर खींचने का प्रयास किया। इस दौरान उनसे उनका रेडियो और हथियार भी छीन लिया गया। कांस्टेबल किसी तरह अपने भोले भागने में सफल रहे, हालाँकि, उन पर बांस के डंडों और लोहे की छड़ों से हमला किया गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं।
इस घटना के बाद समकक्ष के साथ कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग हुई और बीएसएफ ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। छीने गए हथियार और रेडियो सेट को बीजीबी ने बीएसएफ को वापस सौंप दिया। बीएसएफ भारत-बांग्लादेश सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ मिलकर काम करना जारी रखता है।
इससे पहले एक ऐसा ही मामला मार्च महीने में आया था। उस समय जवान मगरोली में अपनी ड्यूटी पर थे। उसी समय सुरक्षाकर्मियों ने 15-20 बदमाशों को सिर में सामान लादे भारत की तरफ से बांग्लादेश की सीमा में घुसते हुए देखा।
जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। उलटा जवानों को घेर लिया गया। इस मामले में बीएसएफ जवानों पर फायरिंग मामले में एक जवान घायल हो गया था। बाद में डॉक्टरों ने अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया इस दौरान जवानों से उन बांग्लादेशी बदमाशों ने उलझकर हथियार लेने की भी कोशिश की थी।