नई दिल्ली। सीबीआई ने मुंबई में दो पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) के 14 अधिकारियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की कई एफआईआर के बाद शनिवार को महाराष्ट्र में 33 जगहों पर छापे मारे। मुंबई और नासिक में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान में डिजिटल उपकरण, दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई।
अधिकारियों के मुताबिक सीबीआई ने लोअर परेल और मलाड में पीएसके के बिचौलियों और अधिकारियों से जुड़े एक भ्रष्टाचार रैकेट का पर्दाफाश किया है। सीबीआई ने अपनी 12 एफआईआर में 18 एजेंटों और बिचौलियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। ये अधिकारी पासपोर्ट सुविधा एजेंटों के साथ नियमित संपर्क में थे। ये लोग अपर्याप्त या अधूरे दस्तावेज के आधार पर या पासपोर्ट आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण में हेराफेरी करके पासपोर्ट जारी करने के बदले में अनुचित लाभ प्राप्त करते थे। 26 जून को विदेश मंत्रालय के सतर्कता विभाग के साथ पीएसके में संयुक्त औचक निरीक्षण के दौरान इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। मोबाइल फोन, सोशल मीडिया चैट और यूपीआई भुगतान के विश्लेषण से कई लाख रुपये के संदिग्ध लेनदेन सामने आए हैं। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पीएसके अधिकारी जूनियर और सीनियर पासपोर्ट सहायकों के पद पर हैं। ये विभिन्न पासपोर्ट सुविधा एजेंटों और दलालों के साथ मिलीभगत करके काम कर रहे थे तथा अपने या अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में अवैध रूप से धन प्राप्त कर रहे थे।
विदेश मंत्रालय से मंजूरी के बाद CBI की रेड
अधिकारियों ने बताया कि आरोपी अधिकारी पासपोर्ट सेवा केंद्र में जूनियर और सीनियर पासपोर्ट सहायकों के पद पर हैं। ये कई पासपोर्ट सुविधा एजेंटों और दलालों के साथ मिलीभगत करके काम कर रहे थे और अपने या अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में अवैध रूप से पैसे ले रहे थे। वहीं विदेश मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद सीबीआई ने अधिकारियों और बिचौलियों के खिलाफ 12 एफआईआर दर्ज की।