भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार (1 मई) को अयोध्या का दौरा करेंगी. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति 1 मई को अयोध्या का दौरा करेंगी. इस दौरान राष्ट्रपति रामलला के दर्शन करेंगी. साथ ही हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन और आरती करेंगी. इस दौरान राष्ट्रपति कुबेर टीला भी जाएंगी. अपने अयोध्या दौरे पर राष्ट्रपति सरयू नदीं का पूजन और आरती करेंगी.अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का रामनगरी का यह पहला दौरा है. 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राष्ट्रपति 1 मई को अयोध्या दौरा करने जा रही हैं. राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से शुरू हुईं तैयारियां न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक राम मंदिर के पदाधिकारियों ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अयोध्या आने पर तैयारियों की बात कही है. राम मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने कहा कि इस दौरान आम श्रद्धालु भी रोज की भांति दर्शन-पूजन कर सकेंगे. राष्ट्रपति मुर्मू के विशेष विमान से एक मई शाम करीब चार बजे अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद उन्हें वीआईपी गेट से होते हुए मंदिर परिसर तक ले जाया जाएगा. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रपति करीब तीन घंटे तक शहर में रहेंगी. राष्ट्रपति के दौरे से भक्तों को नहीं होगी समस्या प्रयास किया जा रहा है कि राष्ट्रपति के आने से आम लोगों को कोई असुविधा न हो. अयोध्या के मंडलायुक्त गौरव दयाल ने कहा कि राष्ट्रपति के काफिले की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए यातायात परिवर्तन और व्यवस्थाएं की जाएंगी.
सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस ,पुलिस को मिली सफलता
बुलंदशहर : पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता रहे सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. बुलंदशहर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. जानकारी दी गई कि सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में अवैध हथियार की तस्करी करने वाले तस्कर शाहबाज के साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. शाहबाज को NIA पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. बाद में अदालत ने उसे जेल भेज दिया है. जानकारी के मुताबिक, बुलंदशहर पुलिस ने अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है. बदमाशों के पास से पुलिस ने तीन पिस्टल, दो तमंचे, एक थार गाड़ी सहित कारतूस की बरामद किए हैं. वहीं, एसएसपी श्लोक कुमार ने हथियार तस्कर के एक साथी रिजवान पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. NIA ने बीते साल बताया था कि शाहबाज अंसारी, मूसेवाला की हत्या में हथियार आपूर्तिकर्ता और लॉरेंस गिरोह के बीच एक बिचौलिया था. उसे एनआईए ने 8 दिसंबर 2022 को बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान दो हवाला ऑपरेटरों हामिद और फौजी के नाम सामने आए थे. एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि खुर्जा पुलिस और खुर्जा एसओजी टीम के द्वारा कुछ इनपुट मिले थे, जिनके तहत तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इनके पास से तीन पिस्तौल, दो तमंचेस एक गाड़ी बरामद की गई है. इन हथियारों का सौदा करने के लिए यह इस गाड़ी के साथ घूम रहे थे. पकड़े गए शादाब, शफाहत, वकार से पूछताछ में यह बात प्रकाश में आई की आर्म्स स्मगलर शाहबाज जो वर्तमान में जेल में है, जिससे यह वेपन खरीदा था. इनके पास से कुछ वीडियो भी बरामद किए गए हैं, जिसमें अवैध हथियारों का इस्तेमाल करते हुए यह लोग दिख रहे हैं. इन लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है और इनका एक साथी रिजवान फरार चल रहा है. जिस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है. खुर्जा का यह व्यक्ति आर्म्स की डीलिंग में भी शामिल है. जिसकी पुलिस तलाश कर रही है.
LAC पर नए ‘खेल’ की तैयारी में चीन, रिपोर्ट से खतरनाक मंसूबों का हुआ खुलासा
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव को चार साल हो गए हैं। आमने-सामने के सैन्य टकराव के बाद से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC पर अब भी तनाव है। तनाव के बीच जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक चीन बॉर्डर पर अपनी स्थिति और अधिक मजबूत करने में जुटा हुआ है। चीन सीमा पर दोहरे उपयोग के लिए शियाओकांग गांव बसा रहा है और बुनियादी ढांचे को अधिक मजबूत कर रहा है। सैन्य ठिकानों को मजबूती देने के लिए भारत की ओर स्थित अपने हवाई ठिकानों पर अतिरिक्त विमानों की तैनाती की गई है। रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया किनए सैटेलाइट इमेज, खुफिया रिपोर्ट और अन्य इनपुट लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले 3,488 किलोमीटर लंबे LAC के सभी तीन सेक्टरों में चल रही चीनी गतिविधि को दिखा रहे हैं। चीन ने हाल ही में सैमजंगलिंग के उत्तर से गलवान घाटी तक एक सड़क का निर्माण पूरा किया है, जिससे पीएलए को इस इलाके में तेजी से मूवमेंट करने में मदद मिलेगी। बफर जोन के पास भी वह अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटा है। 15 जून, 2020 को हुई हिंसक झड़प के तीन सप्ताह बाद गलवान घाटी में पेट्रोलिंग पॉइंट-14 के आसपास नो-पेट्रोल बफर जोन बनाया गया था। सूत्रों ने बताया कि पीएलए पैंगोंग त्सो के दोनों किनारों पर अन्य बफर जोन के पीछे सैन्य और परिवहन ढांचे को मजबूत कर रही है। जिसमें कैलाश रेंज और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स शामिल हैं, जो सभी बड़े पैमाने पर उन क्षेत्रों में है जिन्हें भारत अपना क्षेत्र मानता है। पीएलए की ओर से सड़कों, पुलों, सुरंगों और हेलीपैड के माध्यम से अपने अग्रिम ठिकानों तक अंतिम मील की कनेक्टिविटी पर भी फोकस किया जा रहा है। एक अन्य सूत्र ने कहा कि ‘पीएलए की यह बढ़ी हुई गतिविधि विशेष रूप से पूर्वी क्षेत्र में, अरुणाचल प्रदेश के तवांग और उत्तरी सिक्किम के नाकू ला में देखी जा रही है। चीन ने हॉटन, काश्गर, गरगुंसा, शिगात्से, बांगडा, निंगची और होपिंग जैसे अपने हवाई क्षेत्रों को अपग्रेड किया है। नए इनपुट से पता चलता है कि झिंजियांग के हॉटन में दो नए JH-7A लड़ाकू-बमवर्षक, तीन Y-20 हेवी-लिफ्ट विमान के अलावा लगभग 50 J-11, J-7 लड़ाकू विमानों, पांच Y-8 और Y-7 परिवहन विमानों को पहले से ही वहां मौजूद रखा गया है।
टाइटैनिक के सबसे अमीर यात्री की सोने की पॉकेट घड़ी रिकॉर्ड तोड़ कीमत पर नीलाम हुई – ये है उसकी तस्वीर
बिक्री के पीछे नीलामी घर हेनरी एल्ड्रिज एंड सन ने शुरू में घड़ी की कीमत £100,000 और £150,000 के बीच होने का अनुमान लगाया था। दुर्भाग्यशाली टाइटैनिक पर सवार सबसे धनी यात्रियों में से एक से जुड़े इतिहास के एक टुकड़े ने नीलामी में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। जॉन जैकब एस्टोर IV की 14 कैरेट सोने की वाल्थम पॉकेट घड़ी शनिवार को आश्चर्यजनक रूप से £1.17 मिलियन ($1.46 मिलियन) में बिकी, जो इसके पूर्व-बिक्री अनुमान से कहीं अधिक है। बिक्री के पीछे नीलामी घर हेनरी एल्ड्रिज एंड सन ने शुरू में घड़ी की कीमत £100,000 और £150,000 के बीच होने का अनुमान लगाया था। हालाँकि, बोली तेजी से बढ़ती गई, £60,000 से शुरू होकर, जब तक कि अंततः इसे एक अमेरिकी खरीदार द्वारा सुरक्षित नहीं कर लिया गया। पॉकेट वॉच से जुड़ा दिलचस्प इतिहास इस घड़ी का महत्व न केवल इसकी विलासितापूर्ण सामग्रियों में बल्कि इसके मार्मिक इतिहास में भी निहित है। जेजेए के शुरुआती अक्षरों से उत्कीर्ण यह घड़ी अप्रैल 1912 में टाइटैनिक के दुखद डूबने के बाद एस्टोर के शरीर के साथ खोजी गई थी। उल्लेखनीय रूप से, कर्नल एस्टोर के परिवार को वापस लौटाए जाने के बाद घड़ी को पूरी तरह से बहाल कर दिया गया और बाद में उनके बेटे ने इसे पहना।अपने समय के एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में जॉन जैकब एस्टोर IV की विरासत इस नीलामी में आकर्षण की एक अतिरिक्त परत जोड़ती है। लगभग $87 मिलियन की अनुमानित संपत्ति के साथ, वह 20वीं सदी की शुरुआत में दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे। रिकॉर्ड तोड़ नीलामी पॉकेट वॉच के लिए हासिल की गई चौंका देने वाली कीमत टाइटैनिक यादगार वस्तुओं द्वारा निर्धारित पिछले रिकॉर्ड को पार कर गई है। 2013 में, हेनरी एल्ड्रिज एंड सन ने जहाज डूबने पर बजाया गया एक वायलिन £1.1 मिलियन में बेचा। इसके अतिरिक्त, पॉकेट वॉच के साथ बेचे गए वायलिन के केस की कीमत £360,000 थी। नीलामीकर्ता एंड्रयू एल्ड्रिज ने इन टाइटैनिक कलाकृतियों द्वारा प्राप्त कीमतों को “बिल्कुल अविश्वसनीय” बताया, इसके लिए उच्च मांग को उनके ऐतिहासिक महत्व और टाइटैनिक कहानी के साथ स्थायी आकर्षण दोनों के लिए जिम्मेदार ठहराया।
दिल्ली में जन्मे व्यवसायी लंदन के मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं
लंदन: दिल्ली में जन्मे व्यवसायी तरूण घुलाटी 2 मई को लंदन के मेयर चुनाव में मौजूदा सादिक खान को चुनौती देने के लिए मैदान में उतर रहे हैं , और अपनी अनूठी पृष्ठभूमि और वित्त की समझ के कारण जीतने की उनकी क्षमता पर विश्वास व्यक्त कर रहे हैं। 63 वर्षीय गुलाटी का मानना है कि वह इस पद के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे 13 उम्मीदवारों में से सबसे आगे हैं, जो सभी समुदायों से जुड़ने की उनकी क्षमता पर जोर देते हैं। सर्वेक्षणों में खान को संभावित विजेता के रूप में दिखाए जाने के बावजूद, गुलाटी निडर बने हुए हैं, और उनके छोटे नमूना आकार के कारण उन्हें “भ्रामक” कहकर खारिज कर रहे हैं।एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े होने के लिए £10,000 (10 लाख रुपये) खर्च करने और लंदन के प्रत्येक नगर से 10 हस्ताक्षर प्राप्त करने के बाद, घुलाटी मेयर कार्यालय में बदलाव लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उनकी पृष्ठभूमि में एचएसबीसी के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रबंधक के रूप में काम करने से पहले जयपुर विश्वविद्यालय में अध्ययन करना और दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए प्राप्त करना शामिल है। 2006 में लंदन में एक पोस्टिंग ने लंदन की बहुसंस्कृतिवाद और अवसरों से आकर्षित होकर ब्रिटेन में बसने के उनके फैसले को मजबूत किया। लंदन में हुई डकैती सहित व्यक्तिगत अनुभवों से प्रेरित होकर, दो बच्चों के पिता चुनाव में खड़े होने के लिए भारतीय मूल के एकमात्र उम्मीदवार हैं। “मैंने बड़े व्यवसाय चलाए हैं। मैं कई बोर्डों पर बैठ चुका हूं. मैं नया पैसा लाऊंगा. मैं पैसे को समझता हूं. दूसरे नहीं करते. मेरे लिए लंदन एक वैश्विक बैंक की तरह है,” उन्होंने कहा।
यूटा: कपल ने गलती से अमेजन रिटर्न बॉक्स में भेज दी अपनी पालतू बिल्ली, हफ्तेभर में फिर ऐसे वापस मिली
अमेरिका में एक कपल ने गलती से अपनी पालतू बिल्ली को अमेजन के एक रिटर्न बॉक्स में भेज दिया। बिल्ली के लापता होने पर उसकी मालकिन ने उसे बहुत खोजा, शहर में पोस्टर तक लगवाए। फिर करीब हफ्तेभर में एक फोन आया, जिसने उन्हें राहत दी। बिल्ली अमेजन के एक कर्मचारी को बॉक्स में जिंदा मिल गई थी। अमेरिका के यूटा में एक कपल ने गलती से गैलेना नामक अपनी पालतू बिल्ली को अमेजन रिटर्न पैकेज में भेजा दिया। बिल्ली लगभग छह दिनों तक बिना भोजन-पानी के बक्से में जीवित रही और यूटा से कैलिफोर्निया पहुंच गई। न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिल्ली के गायब होने के बारे में उसकी मालकिन कैरी क्लार्क को 10 अप्रैल को पता चला। क्लार्क ने परिवार और दोस्तों की मदद से घर और पड़ोस में करीब हफ्तेभर बिल्ली की खोज की। उन्होंने शहर में बिल्ली के लापता होने के पोस्टर भी लगाए। बिल्ली को 17 अप्रैल को कैलिफोर्निया के अमेजन वेयरहाउस में एक कर्मचारी ने पैकेज के अंदर सुरक्षित पाया। बिल्ली के बारे में जानकारी लगने पर उसकी मालकिन ने कहा, ”पहले तो मुझे इस पर विश्वास नहीं हुआ और लगा कि यह एक मजाक है।” उन्होंने कहा, ”गैलेना मेरे लिए बहुत बड़ा भावनात्मक सहारा है और पिछले छह वर्षों में इसने मुझे कई स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में मदद की है। उसके साथ क्या हुआ, यह न जानने की चिंता और तनाव कष्टदायी था।” बिल्ली को लेने कैलिफोर्निया पहुंच गए कपल कैरी क्लार्क ने कहा, ”मैं अपने पति को यह बताने के लिए दौड़ी कि गैलेना मिल गई है और हम यह जानकर भावुक हो गए कि वह एक बड़े आकार के बक्से में कूद गई होगी जिसे हमने पिछले बुधवार को भेजा था।” क्लार्क और उनके पति अपनी बिल्ली को लेने के लिए कैलिफोर्निया पहुंचे और उन्होंने ब्रांडी से मुलाकात की। उन्होंने बिल्ली की खोज और देखभाल में सहायता के लिए ब्रांडी को आभार व्यक्त किया। क्लार्क ने कहा, ”यह एक अद्भुत मिलन था। जब मैंने गैलेना को फिर से पकड़ा तो उसने ने तुरंत हिलना बंद कर दिया और मेरी बाहों में आराम करने लगी।”
17 साल पुराने केस में लगाई धारा 307, रात भर दी धमकी’, इंदौर से अक्षय बम के पाला बदलने पर कांग्रेस का BJP पर धुआंधार हमला
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था और उसे प्रताड़ित किया था. इसके बाद अक्षय बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया. मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम का नामांकन वापस लेना चर्चा में बना हुआ है. उन्होंने अपना नामांकन ही वापस नहीं लिया बल्कि कांग्रेस से नाता तोड़कर बीजेपी में भी शामिल हो गए. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था और उसे प्रताड़ित किया था. इसके बाद अक्षय बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया. पटवारी ने कहा कि अक्षय बम के खिलाफ एक पुराने मामले में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई थी. उसे …दिलचस्प ये है कि ये धारा इंदौर सीट से नामांकन वापस लेने के उनके फैसले से पांच दिन पहले ही लगाई गई थी. कांग्रेस ने बीजेपी पर अपने उम्मीदवारों को डराने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लोकतंत्र को खतरा है. पटवारी ने कहा कि इसी तरह की घटना गुजरात के सूरत में में भी हुई थी, जहां कांग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी का नामांकन खारिज होने के बाद बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया 17 साल पुराने मामले में धारा 307 जोड़ी अक्षय कांति बम पर 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के साथ जमीन विवाद के दौरान हमला, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी. उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी लेकिन खजराना पुलिस ने तब एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी लेकिन जिस दिन अक्षय कांति बम ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा. उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बमपर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई. उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया. माना जा रहा है कि इस दबाव में बम ने यह फैसला लिया. हालांकि, पांच अप्रैल को दर्ज याचिका में पटेल ने सतवीर सिंह नाम के शख्स पर भी आरोप लगाए हैं, जो एक सिक्योरिटी एजेंसी चलाता है. आरोप है कि सतवीर ने पटेल पर कांतिलाल के कहने पर फायरिंग की थी. कोर्ट ने 24 अप्रैल को याचिका स्वीकार कर पुलिस को एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने का निर्देश दिया. साथ ही बम और उनके पिता कांतिलाल को 10 मई कोर्ट ने 24 अप्रैल को याचिका स्वीकार कर पुलिस को एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने का निर्देश दिया. साथ ही बम और उनके पिता कांतिलाल को 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया. माना जा रहा है कि इस दबाव में बम ने यह फैसला लिया. हालांकि, पांच अप्रैल को दर्ज याचिका में पटेल ने सतवीर सिंह नाम के शख्स पर भी आरोप लगाए हैं, जो एक सिक्योरिटी एजेंसी चलाता है. आरोप है कि सतवीर ने पटेल पर कांतिलाल के कहने पर फायरिंग की थी.
“बहुत बड़ी गद्दारी, उम्मीद नहीं थी’, अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने पर दिग्विजय सिंह का बयान
सूरत के बाद कांग्रेस को एक और झटका, इंदौर से उम्मीदवार ने लिया नामांकन वापस Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश में कांग्रेस को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब इंदौर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाए गए अक्षय कांति बम नामांकन वापस लेकर बीजेपी में शामिल हो गए। कांग्रेस को ये झटका अक्षय कांति बम ने ऐसे समय में दिया है जब इंदौर में मतदान नजदीक है। कांग्रेस के लिए सूरत के बाद दूसरा बड़ा झटका है। इस पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। बम पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ में कहा, “बहुत बड़ी गद्दारी की है। उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।” जब उनसे पूछा गया कि बम को टिकट उनके कोटे से दिया गया है, तो उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस पार्टी का टिकट था।” दिग्विजय ने स्वीकार किया कि उनके बम के परिवार से संबंध हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, “कांग्रेस उम्मीदवार बम सहित तीन उम्मीदवारों ने 29 अप्रैल निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अपना नामांकन वापस ले लिया। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई है।” बीजेपी विधायक के साथ नामांकन वापस लेने पहुंचे प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बम (45) बीजेपी के विधायक रमेश मेंदोला के साथ जिलाधिकारी के कार्यालय पहुंचे और नामांकन वापस ले लिया। वापस लौटते समय बम पत्रकारों के सवालों को नजरअंदाज करते हुए रमेश मेंदोला के साथ कार में बैठकर रवाना हो गए। मेंदोला को राज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का करीबी माना जाता है। जिलाधिकारी सह निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने पुष्टि की है कि बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इंदौर सीट पर अब कितने उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं? बताया जा रहा है कि इंदौर में 23 में से 9 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए हैं। अब इस सीट पर बीजेपी के शंकर लालवानी समेत 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। इंदौर लोकसभा सीट पर चुनाव के लिए 25 अप्रैल तक नामांकन भरे गए थे। नाम वापसी के लिए 29 अप्रैल आखिरी दिन था। इंदौर में मतदान 13 मई को होगा। इससे पहले सूरत से ऐसा ही मामला सामने आया। सूरत सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी का फॉर्म रद्द हो गया। इसके बाद बाकी निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी नाम वापस ले लिए। इस तरह चुनावी मैदान में बीजेपी प्रत्याशी मुकेश दलाल के अलावा कोई प्रत्याशी मैदान में नहीं था और उन्होंने निर्विरोध जीत दर्ज की। सूरत में 7 मई को मतदान होना था, लेकिन मुकेश दलाल उससे पहले ही जीत गए।
पन्नू की हत्या की हुई थी साजिश’, अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट पर भारत ने दिया करारा जवाब
खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की हत्या की साजिश मामले में अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट को भारत ने निराधार बताया है। खालिस्तानी आतंकवादी और अमेरिकी-कनाडाई नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश के मामले में अमेरिका अखबार ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने भारत की खुफिया एजेंसी RAW पर आरोप लगाया गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने अमेरिका को खरी-खरी सुनाई है। भारत ने कहा कि रिपोर्ट में एक गंभीर मामले पर अनुचित और निराधार आरोप लगाए गए हैं। “आरोप अनुचित और निराधार” अखबार ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से पन्नू की कथित हत्या की साजिश के संबंध में एक रॉ अधिकारी का नाम लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “रिपोर्ट में एक गंभीर मामले में अवांछित और निराधार आरोप लगाए गए हैं।” उन्होंने कहा, “भारत सरकार ने संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य के नेटवर्क पर अमेरिकी सरकार की ओर से शेयर की गईं सुरक्षा चिंताओं की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जिसकी जांच जारी है।” जायसवाल वाशिंगटन पोस्ट की इस खबर पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, “इस पर काल्पनिक और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों की जरूरत नहीं है।” पन्नू के पास दोहरी नागरिकता पिछले साल नवंबर में अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिका में सिख अलगाववादी पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में भारत सरकार के एक आधिकारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया था। भारत में आतंकवाद के आरोपों में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 7 दिसंबर को संसद में कहा था कि भारत ने इस मामले में अमेरिका से प्राप्त सूचना की जांच के लिए एक जांच समिति गठित की है, क्योंकि इस मामले से देश के राष्ट्रीय हित भी जुड़े हैं। (भाषा)
बाबा रामदेव को बड़ा झटका! इस राज्य ने पतंजलि के 14 प्रोडक्ट्स पर लगाया बैन, दृष्टि आई ड्रॉप भी शामिल
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद बाबा रामेदव की पतंजलि को एक और बड़ा झटका लगा है। उत्तराखंड सरकार ने योगगुरू रामदेव के स्वामित्व वाली आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि के 14 उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण ने पतंजलि की दिव्य फार्मेसी कंपनी के प्रोडक्ट्स पर ये प्रतिबंध लगाया है। इन प्रोडक्ट्स मेंमुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट शामिल हैं। इतना ही नहीं ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट का उल्लंघन करने के लिए रामदेव और आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि के खिलाफ आपराधिक शिकायत भी दर्ज की गई है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में रामदेव और पतंजलि के प्रबंध निदेशक बालकृष्ण के खिलाफ अदालत के आदेशों की अवहेलना पर सुनवाई के बीच हुई है। दरअसल उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया है। इस एफिडेविट में उत्तराखंड सरकार ने बताया कि उन्होंने बाबा रामदेव की कंपनी के खिलाफ ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट के तहत क्या कार्रवाई की है। इसमें बताया गया है कि उत्तराखंड सरकार ने 15 अप्रैल के आदेश से तंजलि के 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। किन प्रोडक्ट्स पर लगा बैन? दिव्य फार्मेसी के जिन प्रोडक्ट्स पर बैन लगा है उनमें श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, दिव्य ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपीग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कुछ वक्त पहले पतंजलि को अपने कुछ उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए बाबा रामदेव को फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट में कल मंगलवार को पतंजलि के मामले की सुनवाई होने वाली है… इस दौरान यह तय किया जाएगा कि योग गुरु स्वामी रामदेव के खिलाफ अवमानना का आरोप लगाया जाए या नहीं।