दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. आज सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील ने सीएम की गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.
सिंघवी की दलील- केजरीवाल की गिरफ्तारी की क्या जरूरत थी
सिंघवी ने कहा कि पिछले महीने 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई. आखिर क्या जरूरत थी गिरफ्तारी की, जबकि ईसीआर अगस्त 2022 में दायर की गई थी. आखिर अचानक ऐसा क्या हो गया कि सीएम को गिरफ्तार करना पड़ा. सिंघवी ने कहा कि इस दौरान सीबीआई ने तीन चार्जशीट भी दाखिल कर दी.!
जस्टिस खन्ना ने पूछा सीबीआई मामले में अभी तक आपका नाम नहीं आया? जिसके जवाब में सिंघवी ने कहा की नहीं. फिर जस्टिस खन्ना ने कहा कि बाद में आपको नामित करते हुए ईसीआईआर दायर की गई है? इसके जवाब में सिंघवी ने कहा की नहीं, दिसंबर, 2023 तक 10 दस्तावेजों (सीबीआई आरोपपत्र और ईडी अभियोजन शिकायत सहित) में केजरीवाल का नाम नहीं था. ईडी द्वारा विश्वसनीय गवाहों के (धारा 50 पीएमएलए) बयानों के आधार पर कदम उठाया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा यह सवाल
जस्टिस खन्ना ने कहा कि क्या गिरफ्तारी के कारणों पर बहस करना आपके लिए उचित नहीं होगा? सिंघवी ने कहा कि ये दलील उसी की ओर है. इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप इसे भूल जाएं और एक सामान्य आपराधिक मामला लें. मान लीजिए कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को अदालत में पेश किया जाता है. पुलिस हिरासत के लिए आवेदन दिया गया. वे हिरासत के लिए आधार देते हैं. कोर्ट ने कस्टडी देने का फैसला किया.
सिंघवी बोले- मुख्यमंत्री कही भाग थोड़ी रहे थे
सिंघवी ने कहा कि ईडी ने किसी आतंकवादी या अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया. उसे गिरफ्तार किया जो दिल्ली का मुख्यमंत्री है और वह कहीं भाग नहीं रहा था. गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी और उस पर भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.
उन्होंने कहा कि कोई सामग्री नहीं थी और महज गवाहों के बयान, जो संदेहास्पद हैं. उनके आधार पर सीएम को गिरफ्तार कर लिया गया. रहा सवाल नोटिस का तो मेरी ओर से हरेक नोटिस का जवाब दिया गया और कहा गया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान ले लो. गिरफ्तारी के पीछे ये आधार नहीं हो सकता कि 9 समन जारी किए गए.