:नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट से EVM से VVPAT मिलान मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की गई है. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष ईवीएम मामले का जिक्र किया. कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव (LokSabha Elections 2024) नजदीक आ रहे हैं, इसीलिए मामले पर जल्द सुनवाई की जाए. जिस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम इसे हफ्ते देखेंगे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव में सभी ‘वीवीपैट’ पर्चियों की गिनती की अपील करने वाली याचिका पर निर्वाचन आयोग और केंद्र से सोमवार को जवाब मांगा था. फिलहाल, वीवीपीएटी पर्चियों के जरिए केवल पांच यादृच्छिक रूप से चयनित ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के सत्यापन का नियम है.
EVM से VVPAT मिलान मामले पर जल्द सुनवाई की मांग
वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो वोटर्स को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है. VVPAT के जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है, जिसे वोटर्स देख सकते हैं. इस पर्ची को एक सीलबंद डिब्बे में रखा जाता है और विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है. जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने चुनाव में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल के वकीलों की दलीलों पर गौर किया.
चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस
वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपीएटी) एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो वोटर्स को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है. VVPAT के जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है, जिसे वोटर्स देख सकते हैं. इस पर्ची को एक सीलबंद डिब्बे में रखा जाता है और विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है. जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने चुनाव में सभी वीवीपैट पर्चियों की गिनती का अनुरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल के वकीलों की दलीलों पर गौर किया.