जौनपुर : मां आखिर मां होती है। ऐसा ही उदाहरण जिले की रहने वाली विदिशा (33) की मां ने पेश की। विदिशा की दोनों किडनी शादी के कुछ वर्षों बाद खराब हो गई। कोई डोनर नहीं मिला तो उनकी मां मां रागिनी (52)आगे आईं और किडनी दान कीं । विदिशा ने बताया कि साल 2020 में ऑपरेशन कर उनका गर्भाशय निकाल दिया गया था। इसके बाद उनकी दोनों किडनी खराब हो गई। एक साल तक डायलिसिस कराने के बाद चिकित्सकों ने कहा कि अब किडनी ट्रांसप्लांट करना पड़ेगा। मां अपनी किडनी देने के लिए तैयार हुईं। 21 जून 2021 को अहमदाबाद के आईकेडीआरसी अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। मौजूदा समय में विदिशा अपने पति रामजी जायसवाल जो पेशे से एक पत्रकार हैं, के साथ जौनपुर में रहती हैं। उनके तीन बच्चे हैं। विदिशा की मां रागिनी और पिता राजीव (58) के साथ लखनऊ में रह रही हैं।
मां ने पुत्र को दान की किडनी शेरवां (मिर्जापुर)। शेरवां गांव निवासी मां बेबी दूबे ने अपने इकलौते बेटे आयुष के लिए अपनी किडनी दान कर ममता की मिशाल पेश की है। आयुष 2020 में किडनी कीबीमारी से ग्रसित था। किडनी ट्रांस प्लांट ही विकल्प था। वाराणसी के डॉक्टरों ने आयुष के परिजनों को यह बात बताई। आयुष के परिजनों ने दिल्ली में नौकरी कर रहे गांव के एक दोस्त गौरांग चतुर्वेदी से संपर्क कर दिल्ली में एक अस्पताल में डॉक्टरों की देखरेख में बेबी का 20 सितंबर 2022 को किडनी ट्रांस प्लांट कराया गया।आज मां और बेटा दोनों पूरी तरह से सुरक्षित हैं।