छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सीबीआई जांच की मांग को लेकर समुदाय विशेष का प्रदर्शन हिंसा में बदल गया. कलेक्ट्रेट का घेराव करने के दौरान भीड़ ने उग्र रूप ले लिया. सैकड़ों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. जिसके बाद रात डेढ़ बजे तीन मंत्री बलौदाबाजार पहुंचे और घटना का जायजा लिया. हिंसा करने वालों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ने की बात डिप्टी सीएम ने कही हैं. ये बात भी सामने आ रही है कि शासन कलेक्टर और एसपी का जल्द हटा सकता है.
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में हुए हिंसक प्रदर्शन में 25 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इधर शांति व्यवस्था बनाये रखने के मद्देनजर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 80 लोगों को गिरफ्तार किया है।
शांति प्रदर्शन अचानक हुआ उग्र
सोमवार को प्रदेश भर से हजारों की संख्या में सतनाम समाज के लोग पहुंचे थे। लोग शांति पूर्वक प्रदर्शन भी कर रहे थे कि अचानक भीड़ में से कुछ लोग उग्र होने लगे। वे पुलिस को धकियाते हुए आगे बड़े। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो पथराव किया और पुलिस के साथ झड़प की गई। दशहरा मैदान में उग्र प्रदर्शन करने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की सुरक्षा को भेदकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां कलेक्टर कार्यालय परिसर में खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। बताया गया है कि इस प्रदर्शन में 3 से 4 हजार लोग शामिल थे। लेकिन पुलिस इन लोगों को उस समय रोक नहीं पाई जब वे प्रमुख सरकारी कार्यालयों की ओर बढ़ रहे थे
बलौदाबाजार की घटना पर सीएम ने मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बलौदा बाजार जिले में उत्पन्न हुई अप्रिय स्थिति पर आईजी व कमिश्नर को तत्काल घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव और डीजीपी को तलब कर घटना की प्रारंभिक जानकारी ली एवं घटना की रिपोर्ट भी मंगाई है।
एसएसपी की सूझबूझ से बचीं जानें :भीड़ बेहद उग्र थी और सात से आठ हजार लोगों ने कलेक्टर-एसपी दफ्तर पर धावा बोल दिया। उस वक्त एसएसपी सदानंद और पुलिस जवानों ने संयम और सूझबूझ का परिचय दिया। दफ्तर में काम कर रहे लोगों को दूसरे रास्ते से सुरक्षित निकाला और उन्हें सुरक्षित जगह पर भेजा गया।