पेटीएम पेमेंट बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई के बाद कंपनी बुरे दौर से गुजर रही है। कंपनी में बड़े पदों पर इस्तीफे हो रहे हैं, कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। आरबीआई की कार्रवाई पेटीएम के लिए बुरे सपने जैसा है.
हमारे ऊपर जिम्मेदारियां थीं, हमें उन्हें और बेहतर तरीके से निभाना चाहिए था. शर्मा से 7वें जेआईआईएफ स्थापना दिवस के मौके पर पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की कार्रवाई के बारे में पूछा गया था.शर्मा ने कहा कि वह इससे भी अधिक चुनौतीपूर्ण वक्त से गुजर चुके हैं. उन्होंने कहा, कि जब मैं 2013-14 के आसपास फंड जुटा रहा था, तब हमारे फंड खत्म हो रहे थे. मैंने सोचा कि अगर हम खत्म हो गए तो किसी को कोई परेशानी नहीं होगी.आज यह बात मायने रखती है. एक संस्थापक के रूप में मेरी कंपनी मेरी बेटी की तरह है. एक कंपनी के रूप में हम परिपक्व हो रहे हैं. यह ऐसा है जैसे स्कूल में टॉप करने वाली बेटी किसी प्रवेश परीक्षा के रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गई हो.
उन्होंने स्वीकार किया कि यह व्यक्तिगत स्तर पर एक भावनात्मक झटका था, जबकि पेशेवर स्तर पर उन्हें जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से निभाने का सबक मिला. शर्मा ने बिना किसी लाग-लपेट के कहा, ”मैं कहूंगा कि पेशेवर स्तर पर हमें बेहतर करना चाहिए था, इसमें कोई छिपी बात नहीं है. हमारे ऊपर जिम्मेदारियां थीं, हमें उन्हें और बेहतर तरीके से निभाना चाहिए था.”