ओडिशा के पुरी जगन्नाथ धाम में आज महाप्रभु जगन्नाथ अपनी मौसी के घर रवाना होंगे। भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा का आज से शुभारंभ हो रहा है। इस यात्रा के लिए विधि-विधान का पूरा आयोजन हो रहा है। आज से 14 दिनों बाद भक्तों को महाप्रभु जगन्नाथ का दर्शन होगा। इस समय पूजा-अर्चना और पूरे पंडाल की सजावट की जा रही है।
रथ यात्रा की तैयारी में तीनों रथों को आस्था की मजबूत रस्सी से खींचा जाएगा, जिसके लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पुरी में जुटे हुए हैं। इस साल की रथ यात्रा बेहद खास है, क्योंकि 53 वर्षों बाद यह यात्रा दो-दिवसीय हो रही है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी श्रद्धालुओं के साथ रथ यात्रा देखने वाली हैं, ओडिशा की नई सरकार ने राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था की है। राष्ट्रपति मुर्मू मयूरभंज जिले से आती हैं।
रथयात्रा के बारे में एक पंडित ने बताया, “अभी पूरे विधि-विधान से भगवान की पूजा हो रही है। पूजा पूरी होने के बाद महाराजा सोने की झाड़ू से सफाई करेंगे, फिर यात्रा शुरू होगी। सायंकाल पर रथ को रोका जाएगा,फिर अगले दिन फिर से यात्रा शुरू होती है.”
53 वर्षों बाद यह दो-दिवसीय यात्रा
ग्रह-नक्षत्रों की गणना के अनुसार ओडिशा के पुरी में इस वर्ष दो-दिवसीय रथ यात्रा का आयोजन किया गया है, जो कि पिछली बार 1971 में हुई थी। इस अवसर पर तीन भाई-बहन देवी-देवताओं, भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र, के संबंधित त्योहार के अनुष्ठान भी एक ही दिन में आयोजित किए जा रहे हैं। रथ यात्रा के शुरुआती अध्याय में, रथों को पुरी के जगन्नाथ मंदिर के सिंहद्वार के सामने खड़ा किया गया है, जहां से उन्हें गुंडिचा मंदिर ले जाने का आयोजन है। यहां से रथ सप्ताह भर तक रुकेंगे, जब तक कि इस पवित्र यात्रा का समापन न हो जाए।
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव आज शामिल हुए
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार को रथयात्रा धूमधाम से मनाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में आयोजित रथ यात्रा में शामिल हुए। रायपुर के गायत्री नगर स्थित जगन्नाथ मंदिर में विशेष रस्म के साथ रथ यात्रा निकाली गई है। रथ यात्रा शुरू करने से पहले भगवान की प्रतिमा को रथ तक लाया गया और रास्ते को सोने के झाड़ू से साफ भी किया गया । इस रस्म को छेरापहरा रस्म कहा जाता है।