केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई है।
सरकार हर फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।
MSP में 23 फसलें शामिल होती हैं:
- 7 प्रकार के अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ)
- 5 प्रकार की दालें (चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर)
- 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड)
- 4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट)
इस कदम का उद्देश्य किसानों को वित्तीय राहत प्रदान करना और विशेष रूप से आगामी रबी सीजन के दौरान कृषि आय का सपोर्ट करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई है। मसूर के एमएसपी में प्रति क्विंटल 275 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। कुसुम के एमएसपी में प्रति क्विंटल 140 रुपये और जौ के एमएसपी में 130 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है।