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इस बार जमकर बरसेंगे बादल, जून से दिखने लगेगा असर, ‘लिटिल गर्ल’ मचाएगी धमाल

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नई दिल्ली. इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून के मौसम में दक्षिण एशिया के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है. साउथ एशियन क्लाइमेट आउटलुक फोरम (SCOF) ने यह जानकारी दी है. यह पूर्वानुमान अगस्त-सितंबर तक अनुकूल ला नीना स्थितियों के कारण भारत में मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक बारिश की भविष्यवाणी के अनुरूप है. बता दें कि पिछले साल अल नीनो के सक्रिय होने की वजह से मानसून पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अब इसका असर खत्‍म हो गया है और ला नीना एक्टिव हो चुका है. बता दें कि अल नीनो और ला नीना स्‍पेनिश शब्‍द हैं, जिनका अर्थ क्रमश: लिटिल ब्‍वॉय और लिटिल गर्ल होता है.

SCOF ने दक्षिण-पश्चिम मानसून को लेकर कहा, ‘ साल 2024 के दक्षिण पश्चिम मानसून (जून-सितंबर) के मौसम में दक्षिण एशिया के उत्तरी, पूर्वी और उत्तर पूर्वी हिस्सों में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर दक्षिण एशिया के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की अत्यधिक संभावना है.’ इस मौसम के दौरान दक्षिण एशिया के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने का अनुमान है. इसमें क्षेत्र के दक्षिण-पूर्वी भाग के कुछ हिस्से शामिल नहीं हैं, जहां सामान्य तापमान होने की सबसे अधिक संभावना है.

SCOF का पूर्वानुमान
एसएएससीओएफ ने कहा कि इस समय अल नीनो की मध्यम स्थिति बन रही है. मानसून के पहले आधे हिस्से में अल नीनो-सदर्न ओशिलेशन की तटस्थ स्थितियां बन सकती हैं. इसके बाद दूसरे अर्द्धांश में अल नीना के हालात बन सकते हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत में मानसून के मौसम में बारिश सामान्य से अधिक रह सकती है. बता दें कि मानूसन के अच्‍छा रहने से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर इसका व्‍यापक असर पड़ता है. खेतीबारी का काम ठीक तरीके से होने से आर्थिक गतिविधियों के रफ्तार पकड़ने की संभावन है.

Janmat News

Writer & Blogger

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