यूपी में 13 लोकसभा सीटों पर सोमवार को मतदान हो रहा है। इनमें से लखीमपुर खीरी हॉट सीट है, क्योंकि यहां से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी चुनाव लड़ रहे हैं। जिनके बेटे आशीष मिश्रा पर आंदोलन कर रहे किसानों पर वाहन चढ़ाकर कुचलकर मारने का आरोप है। अजय मिश्रा टेनी खुद भी विवादों में हैं। लेकिन सोमवार 13 मई को आरोप लगा कि उन्हें जिताने के लिए गोला गोकर्णनाथ के गांधी विद्यालय में पीठासीन अधिकारी प्रशांत पांडेय सरेआम धांधली करा रहे हैं। आरोप है कि वहां मतदाता जब साइकल निशान पर बटन दबाते हैं तो वो वोट कमल (भाजपा) को मिलता है। हालांकि सत्य हिन्दी ऐसे आरोपों की पुष्टि नहीं करता। लोगों ने कैमरे के सामने आकर आरोप लगाए हैं और बड़ी तादाद में इस पर ट्वीट भी हो रहे हैं।
खीरी लोकसभा सीट के कई और हिस्सों से ईवीएम को लेकर शिकायतें आ रही हैं। नगर पालिका मॉडल बूथ पर तकनीकी खराबी की वजह से दो घंटे तक मतदान नहीं हो पाया। लोग बूथ नंबर 183 पर लाइन लगाकर खड़े रहे। गुरु नानक कॉलेज में बूथ संख्या 275 पर 15 मिनट बाद शुरू हुआ मतदान। यहां भी ईवीएम में समस्या आई।समाजवादी पार्टी ने गोला गोकर्णनाथ खीरी में साइकल की जगह कमल की पर्ची निकलने की शिकायत चुनाव आयोग से की है। लेकिन खबर लिखे जाने तक आयोग ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें पहले भी आई हैं लेकिन चुनाव आयोग कोई कार्रवाई करता ही नहीं है।
यूपी कांग्रेस ने भी इस घटना पर एक्स पर लिखा है- निष्पक्ष चुनाव आयोग देख रहे हैं न? लखीमपुर खीरी लोकसभा क्षेत्र के गोला गोकर्णनाथ में साइकिल के निशान पर बटन दबाने पर कमल के निशान की पर्ची निकल रही है और पीठासीन अधिकारी मुस्लिम वोटरों को वोट नहीं डालने दे रहा है। पिछले तीन चरणों के बाद चौथे चरण में भी दिख रही करारी हार से मोदी एंड कंपनी अब खुलेआम धांधली पर उतर आई है! अब अगर जरा सा भी शर्म बची हो तो तुरंत पीठासीन अधिकारी को निलंबित करिए।
खीरी सीट के समीकरण
लखीमपुर खीरी सीट देशभर में चर्चित है। केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को भाजपा ने यहां से तीसरी बार टिकट दिया है। हालांकि भाजपा ने ब्रजभूषण शरण सिंह, रमेश बिधूड़ी, अनंत हेगड़े जैसों विवादित चेहरों का टिकट काट दिया लेकिन जिस मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू पर किसानों को रौंदने और मारने का आरोप है, भाजपा ने उसके पिता को टिकट दिया है। इतना ही नहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार 8 मई को टेनी के लिए खीरी में आकर जनसभा की और वोट मांगे।
खीरी लोकसभा सीट ब्राह्मण और कुर्मी बहुल सीट मानी जाती है। इसलिए सपा ने भी यहां उत्कर्ष वर्मा को इसी वजह से खड़ा किया है। कुर्मी और अन्य ओबीसी जातियां यहां 7 लाख हैं। मुस्लिम 2,65,000, दलित 2.5 लाख, ब्राह्मण 3 लाख और सिख करीब 1 लाख है। कागजों पर अगर इस जातीय समीकरण को देखा जाए तो सपा प्रत्याशी का पलड़ा भारी पड़ना चाहिए लेकिन तमाम वजहों से टेनी का पलड़ा भारी है। इस बार जिस तरह ओबीसी जातियां भाजपा से हटी हैं तो शायद नतीजा कुछ और आए।