रायपुर : सीबीआई ने कांग्रेस शासन में हुए पीएससी की 2020-21 के भर्ती घोटाले की जांच शुरू कर दी है। परीक्षा में चयनित विवादित उम्मीदवारों की प्रीलिम्स और मेंस की आंसरशीट को जांच के लिए सीबीआई अपने फोरेंसिक लैब भेजेगी।जांच एजेंसी यह पता लगाने के प्रयास में है कि आंसरशीट में रोल नंबर और प्रश्नों के जवाब अलग-अलग समय में तो नहीं लिखे गए हैं। इसके साथ ही उम्मीदवारों की हैंडराइटिंग की भी विशेषज्ञों से जांच कराई जाएगी। ब्यूरे, चयनित 18 नेता और अफसर पुत्र, पुत्रियों दामादों से पूछताछ की भी तैयारी है। इनमें एक तो चेयरमैन टीएस सोनवानी के ही पुत्र, पुत्री भी है। फारेंसिक जांच से इन आरोपों का सच सामने आएगा, उसके बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी।
सीबीआइ साक्षात्कार लेने के लिए बनाए गए तीन पैनलों का रिकार्ड भी खंगाल रही है। एक बोर्ड में तो तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी भी थे। सीबीआइ यह भी पता लगा रही है कि किस बोर्ड की ओर लिए गए साक्षात्कार में सबसे ज्यादा लोगों का चयन हुआ। र्ड के सदस्यों का चयनित अभ्यर्थियों या उनके स्वजनों से कोई संबंध तो नहीं है। इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों के पांच साल का काल डिटेल, गूगल लोकेशन से लेकर वाट्सएप चैट तक खंगाले जाने की तैयारी है। वहीं चयनित अभ्यर्थियों के फोन की भी तकनीकी जांच की जाएगी।
दूसरी ओर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने शुक्रवार को कहा कि 6 माह में सरकार केवल सीबीआई को केवल केस हेंडओवर कर पाई है। तो जांच क्या करेंगे। केवल राजनीतिक लाभ के लिए बयान बाजी कर रहे हैं, ताकि लोग धीरे-धीरे कर भूल जाएं। बघेल ने कहा जांच करे, कार्रवाई करें, जो गलत किया है उसे फांसी पर टांगे।