रायपुर. छत्तीसगढ़ में बिजली विभाग के गोडाउन में 5 अप्रैल का वह अग्निकांड, जिसने पूरी राजधानी झकझोर कर रख दिया था. रायपुर शहर के बीचों बीच इस गोडाउन में घंटों तक धधकती लपटों से सरकार के करोड़ों रुपये की बिजली मशीनरीज जलकर तबाह हो गई. महीने भर बाद जब बिजली विभाग ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी है. तब चौंकाने वाले बिंदु सामने आए हैं. रिपोर्ट में बिजली प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ सरकार को बताया है कि 5000 से अधिक नए पुराने ट्रांसफार्मर, बिजली के केबल, हजारों लीटर ऑयल समेत 50 करोड़ रुपये से भी अधिक की बिजली मशीनरीज जलकर खाक हो गई है, लेकिन आगजनी कैसे हुई ? यह अब तक नहीं बताया जा सका है. और ना ही महीने भर बीत जाने के बावजूद विभाग ने आज तक किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई की. या उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगने की जहमत उठाई.!
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जबकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को सचेत करते हुए कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए थे. ऐसे में बड़े भ्रष्टाचार के सुगबुगाहट के बीच बिजली विभाग के जांच रिपोर्ट पर ही सवाल उठने लगा है. मामले में विपक्ष ने भी बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली पर निशाना साधा है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने घटना की निष्पक्ष जांच और रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है.
सुलगते सवाल, जिसका जवाब आना है बाकी
अग्निकांड आखिर कैसे हुआ, क्या चोरी और भ्रष्टाचार छिपाने इसकी साजिश रची गई ?
– जांच रिपोर्ट में वजह क्यों स्पष्ट नहीं बताई है ?
– किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों जांच के दायरे में क्यों नहीं लाया गया ?
– स्पष्ट जांच और कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री निर्देशों को क्यों अनदेखा किया गया ?
– गोडाउन की कमान संभालने वाले अधिकारी पिक्चर से क्यों गायब हैं ?
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आखिर बिजली प्रबंधन की इन जिम्मेदारों पर मेहरबानी क्यों ?
1. ईई, अजय गुप्ता, स्टोर इंचार्ज, वहां बैठते हैं. पूरा स्टोर इनकी निगरानी में होता है.
2. एसई, संजीव कुमार सिंह, जवाबदेह अधिकारी है, ईई समेत पूरे प्रबंधन की बड़ी जवाबदारी इनपर है
3. ईडी, ज्योति नन्नोरे, स्टोर और मैनेजमेंट इनके हाथ में है.
बिजली विभाग में यह भी बना चर्चा का विषय
बिजली विभाग में इस बात की भी चर्चा जोरों पर है, कि गोडाउन में लंबे समय से बिजली उपकरणों की चोरी हो रही थी. भ्रष्टाचार को लेकर गोडाउन में कुछ लोगों की संलिप्तता की बात भी चर्चा में रही. ऐसे में अचानक लगी आग को लेकर भी बड़ा सवाल है.
बिजली कंपनी ने क्या कहा
मामले में छत्तीसगढ़ स्टेट पवार डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी एमडी राजेश कुमार शुक्ला ने कहा कि जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई है. 50 करोड़ रुपये से अधिक के समान जल गए. अब तक किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं हुई है और ना नोटिस दिया गया है. हम कार्रवाई करेंगे.कब करेंगे????