सिक्किम में यूं तो कई दिनों से ही गाहे-बगाहे मौसमी बारिश हो रही थी लेकिन बीते बुधवार की रात लगातार हुई बारिश काल साबित हुई। एक ही रात में 220 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। उसकी वजह से तीस्ता नदी खतरे के स्तर से भी ऊपर उफन गई। इसे इसी से समझा जा सकता है कि गहरी खाई में बहने वाली नदी कई जगहों पर राजमार्ग के बराबर आ गई। यहां तक कि कई सड़कों पर भी चढ़ गयी। पहाड़ों पर जगह-जगह भूस्खलन होने लगे। कई घर नदी में समा गये।
सिलीगुड़ी : सिक्किम व दार्जिलिंग की पहाड़ियों के बीच गहरी खाई में बहने वाली तीस्ता नदी ने दो दिनों की मूसलधार बारिश में विकराल रूप धारण करते हुए भीषण तबाही मचाई है। जगह-जगह पहाड़ी भूस्खलन हुआ है।मंगन जिले में भूस्खलन से पक्सेप और अंभिथांग गांव में काफी तबाही हुई है। अब तक वहां छह लोगों के मरने की खबर है, कई क्षेत्रों में सड़क संपर्क, बिजली आपूर्ति, खाद्य आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क बाधित हो गए हैं। तीस्ता नदी के किनारे के अनेक घर नदी में समा कर बह गए हैं।उन्होंने आपातकालीन उच्च स्तरीय बैठक कर वस्तुस्थिति की समीक्षा की है और अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत अभियान का निर्देश दिया है।
कैसे विकराल हुई तीस्ता?
सिक्किम में यूं तो कई दिनों से ही गाहे-बगाहे मौसमी बारिश हो रही थी लेकिन बीते बुधवार की रात लगातार हुई बारिश काल साबित हुई। एक ही रात में 220 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई। उसकी वजह से तीस्ता नदी खतरे के स्तर से भी ऊपर उफन गई। इसे इसी से समझा जा सकता है कि गहरी खाई में बहने वाली नदी कई जगहों पर राजमार्ग के बराबर आ गई। यहां तक कि कई सड़कों पर भी चढ़ गयी। पहाड़ों पर जगह-जगह भूस्खलन होने लगे। कई घर नदी में समा गये।सांकलांग में एक ब्रिज बह गया, जिस वजह से चुंगथांग और लाचुंग से आवागमन ठप हो गया है। आक्रामक तीस्ता ने कई सड़कों समेत सिक्किम की लाइफ लाइन एनएच-10 को भी तबाह कर डाला है। कई जगहों पर प्रशासन ने वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
कालिम्पोंग में भी स्थिति नाजुक
सिक्किम से सटे पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के कालिम्पोंग जिले में भी तीस्ता नदी किनारे के इलाकों विशेष कर तीस्ता बाजार इलाके का बुरा हाल हो गया है। वहां आवाजाही एकदम ठप हो गई है।कालिम्पोंग के डीएम बालासुब्रमण्यन टी. ने आदेश जारी कर कई मार्गों पर अगले आदेश तक के लिए यातायात को प्रतिबंधित कर दिया है।
कौन-कौन मार्ग हैं बंद ?
एनएच-10 पर मल्ली से चित्रे के बीच बसों समेत सभी भारी वाहनों की आवाजाही पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी गई है। मल्ली से 29 माइल मार्ग पर भी सभी भारी मालवाहक वाहनों की आवाजाही पर अगले आदेश तक के लिए रोक है।इसके साथ ही रवि झोरा, तीस्ता बाजार, पेशक से दार्जिलिंग मार्ग पर हर तरह के वाहनों की आवाजाही पर अगले आदेश तक के लिए पूर्णतः रोक है।कालिम्पोंग के एसपी श्रीहरि पांडेय ने कहा है कि आपात परिस्थिति को देखते हुए एनएच-10 पर बड़े व भारी वाहनों की आवाजाही पर पूर्णत: रोक है। वहीं परिस्थिति को देख कर ही नियंत्रित रूप में छोटे वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी जा रही है।
क्या हैं वैकल्पिक उपाय?
कई मार्गों के बंद हो जाने के चलते प्रशासन द्वारा कुछ वैकल्पिक मार्ग सुझाए गए हैं। सिक्किम के रंगपो से सिलीगुड़ी वाया मनसंग – 17 माइल – अलगढ़ा – लावा – गोरुबथान मार्ग पर केवल छोटे वाहनों की आवाजाही की अनुमति दी गई है।वहीं, रेशी – पेदोंग – अलगढ़ा – लावा – गोरुबथान – सिलीगुड़ी मार्ग पर बसों समेत भारी व छोटे वाहनों को आवाजाही की अनुमति है। कालिम्पोंग से दार्जिलिंग व दार्जिलिंग से कालिम्पोंग जाने वाले वाहनों की आवाजाही 27 माइल – तीस्ता वैली हो कर करवाई जा रही है। इन वैकल्पिक मार्गों में लगभग 40-50 किलोमीटर की दूरी बढ़ जा रही है और समय भी डेढ़-दोगुना ज्यादा लग रहा है।