छत्तीसगढ़ के साय कैबिनेट ने बैठक में पांच एजेंडों पर चर्चा कर कैबिनेट ने मुहर लगाई। बैठक में कैबिनेट ने अहम मुद्दों पर चर्चा की। कबिनेट के फैसले का सीधा मुनाफा शिक्षा, व्यापार और किसानों को होगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को करीब तीन घंटे तक चली बैठक में पांच एजेंडों पर चर्चा कर कैबिनेट ने मुहर लगाई। जिसमें प्रमुख रूप से बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन का निर्णय और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चना वितरण के लिए निर्गम मूल्य पर चना क्रय करने का निर्णय शामिल हैं।
इसके अलावा कैबिनेट में उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याता नीति-2024 को मंजूरी दी गई। बता दें कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद साय सरकार की यह पहली कैबिनेट बैठक थी। इसके अलावा बैठक में यह भी फैसला किया गया कि राज्य सरकार अब सीधे निर्माता कंपनी से विदेशी शराब खरीदेगी और ब्रेवरेज कारपोरेशन
उसका भंडारण करेगा। पूर्ववर्ती सरकार में एफएल 10 ए और बी लाइसेंस निजी हाथों में दिया गया था। बुधवार को कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती सरकार के इस फैसले को समाप्त कर दिया गया। सरकार के इस फैसले के बाद अब शराब बिक्री से राज्य का राजस्व बढ़ेगा। साथ ही भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी पर लगाम लगाया जा सकेगा।
CG Cabinet : ये निर्णय भी लिए गए इस
- मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 14 हजार 369 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को 19 करोड़ 37 लाख 93 हजार रुपए की स्वीकृत राशि का कार्योत्तर अनुमोदन ।
- उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याता नीति-2024 को मंजूरी
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चना वितरण के लिए निर्गम मूल्य पर चना क्रय करने का निर्णय।
इसलिए पुनर्गठन का निर्णय
जानकारी के अनुसार बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन का निर्णय लेने का उद्देश्य पांचों प्राधिकरणों की कार्य प्रणाली को प्रभावी एवं सशक्त बनाने के साथ ही उन क्षेत्रों में जनसुविधा के कामों को गति प्रदान करना है। इन पांचों प्राधिकरणों की कमान अब सीधे मुख्यमंत्री के जिम्मे होगी।
स्थानीय विधायकों में से एक विधायक को इसका उपाध्यक्ष मनोनीत किया जाएगा। क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य होंगे। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ,अथवा सचिव इन पांचों प्राधिकरणों के सदस्य सचिव होंगे। बता दें कि वर्ष 2004-05 में बस्तर, सरगुजा एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था।