सरकार के आदेश पर जमकर प्रहार, कहा- लगातार किसान विरोधी फैसले हो रहे रबी के सीजन में धान की बुआई पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर नाराजगी
रबी के सीजन में धान की फसल की बुआई करने पर 50 हजार के जुर्माने के सरकार के फरमान पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जमकर बिफरे। उन्होंने भाजपा सरकार के आदेश को तानाशाही और किसान विरोधी करार दिया। उन्होंने मांग उठाई कि सरकार यह तुगलकी फरमान वापस ले। रबी फसल लगाने वाले किसानों को पर्याप्त बिजली, खाद और उन्नत बीजों समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की कभी नीयत नहीं रही कि प्रदेश का किसान आर्थिक तौर पर खुशहाल हो।
कांग्रेस भवन में चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार द्वास रबी के सीजन में धान की बुआई पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर चौतरफा प्रहार किए। उन्होंने कहा कि खेती से जुड़ा यह आदेश तानाशाही से कम नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने खुद को किसान हितैषी होने का दावा किया था और किसानों की खुशहाली के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करने का वादा किया था।हर साल खरीफ सीजन में 1 नवंबर से धान की खरीदी होती रही है इस वर्ष 15 नवंबर से धान खरीदी वो भी मात्र 40 दिन ही धान खरीदी होगी, इससे स्पष्ट है भाजपा सरकार प्रदेश के सभी किसानों से 21 क्विंटल धान खरीदी से पीछे हट रही है किसानों को वादानुसार धान की कीमत 3100 रु प्रति क्विंटल के अलावा समर्थन मूल्य में 117 रु की बढ़ोतरी अलग से दे। रवि फसल लगाने वालों किसानों को मदद करे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों को धान उगाने से रोकना चाहती है। बीज भंडारों में मौखिक आदेश दिया गया है कि किसानों को बीज न दिया जाए।
वहीं प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी जनता को जवाब देने की स्थिति में नहीं है तो पोस्टर पर आ गई है। 13 तारीख के बाद बीजेपी के पोस्टर से भी गायब हो जाएंगे।
धान बोने पर देना होगा जुर्माना
किसान क्या बोए क्या ना बोए यह किसान तय करते है,सरकार नहीं। हम इस तुगलकी आदेश का विरोध करते हैं। सरकार को इसे वापस लेना चाहिए, यह भी सामने आया है की यदि किसान फिर भी धान बोएगा तो उसे 50,000 जुर्माना देना पड़ेगा।